कहां गए 30 लाख पैसेंजर्स?
कुंभ था, फिर भी 30 लाख कैसे हुए कम?रेलवे की कामर्शियल डिपार्टमेंट की पिछले दिनों रेलवे बोर्ड में मीटिंग हुई थी। इसमें यह बात आई कि एनसीआर में पैसेंजर्स की संख्या का आंकड़ा घटा है। सीनियर ऑफिसर्स ने जब इस बारे में पूछा तो एनसीआर के ऑफिसर्स प्रापर जवाब नहीं दे पाए। इस बार कुंभ भी था, ऐसे में तो पैसेंजर्स की संख्या का आंकड़ा रिकार्ड लेवल पर पहुंचना चाहिए था, बजाए कम होने के। लास्ट ईयर जनवरी से जुलाई और इस साल इसी ड्यूरेशन में रिजर्वेशन टिकटों की सेल में 6 लाख और जनरल टिकट की सेल में 24 लाख की कमी आई है.
बढऩे के बजाए कम क्यों?रेलवे में हर साल पैसेंजर्स की संख्या का आंकड़ा बढ़ता है। ऐसे में घटने की बात किसी को समझ में नहीं आ रही है। यही कारण है कि खुद सीसीएम विजयी राम मैदान में उतर आए हैं और कई चेकिंग अभियान के दौरान वह खुद मौजूद रहे हैं। मंडे को जंक्शन पर मार्निंग छह से रात 12 बजे तक राउंड द क्लॉक चेकिंग अभियान चलाया गया। इसमें 627 बेटिकट पैसेंजर्स को पकड़ा कर 2 लाख 37 हजार रूपए का जुर्माना वसूल किया गया है.
Ticket 2012 -2013PRS 80 - 74
UTS 744 - 720(यह आंकड़ा जनवरी से जुलाई तक का 2012 व 2013 का है) पैसेंजर्स के आंकड़ों में कुछ कमी आई है। इसके कई कारण हैं। फिलहाल चेकिंग करके पता लगाने की कोशिश की जा रही है।संदीप माथुरसीपीआरओ,एनसीआर