-साइबर क्राइम के आरोप में पकड़े गए बीटेक के दो छात्र

-दोनों सगे भाई, साइबर क्राइम में एक्सपर्ट, आनलाइन शापिंग के जरिए खरीदा गया लाखों का माल बरामद

-पिता हैं स्कूल टीचर, चाचा गाजीपुर के हिस्ट्रीशीटर

ALLAHABAD: सगे भाई थे। साथ पले-बढ़े। पिता के आदर्श पर आगे बढ़ने का संकल्प लेकर चले। बीटेक में दाखिला भी ले लिया। लेकिन, चाचा का कैरेक्टर उन्हें ज्यादा पसंद आ गया। यहां ग्लैमर भी था और पैसा भी। शान-ओ-शौकत की जिंदगी जीने का चस्का कुछ ऐसा लगा कि जिंदगी का मकसद भुला बैठे। आईटी की पढ़ाई करते हुए इंटरनेट और कम्प्यूटर के एक्सपर्ट बने तो चाचा जैसी जिंदगी जीने का सपना पाल बैठे। अपराध के अंधे रास्ते पर चल पड़े। शार्प माइंड से अपना काम करते हुए उन्हें लगा कि कोई कैसे जान लेगा उनकी हकीकत। लेकिन, इस ओवरकांफीडेंस में यह भूल बैठे कि लोहा ही लोहे को काटता है। साइबर क्रिमिनल सगे भाइयों को साइबर सेल ने उनके अंजाम तक पहुंचा दिया।

पीपलगांव में आकर फंस गए

एसएसपी दीपक कुमार ने ट्यूजडे को साइबर क्रिमिनल्स के गैंग का खुलासा किया। एसएसपी ने बताया कि साइबर सेल ने गाजीपुर के रहने वाले सगे भाई अंशुमन और अजातशत्रु को पीपल गांव धूमनगंज से अरेस्ट किया है। दोनों पंजाब के एक इंजीनियरिंग कालेज से बीटेक कर रहे हैं। दोनों बेहद स्मार्ट हैं। गाजीपुर से लेकर इलाहाबाद तक वे पब्लिक को झांसा देकर एटीएम नंबर और पासवर्ड हासिल करते थे। पूरा खेल फेक आईडी और चेंज आईपी के साथ आनलाइन शॉपिंग करके खेलते थे। पुलिस का दावा है कि करीब एक सैकड़ा लोगों को वह अपना शिकार बना चुके हैं।

सोने का सिक्का और हार तक खरीदा

दोनों पूरे प्लान के साथ काम करते थे। एटीएम का नंबर और पासवर्ड हासिल करने के बाद वह बैंक एकाउंट के डिटेल तक पहुंचने की कोशिश करते थे। एसएसपी के मुताबिक सबके तो नहीं लेकिन, कुछ के बैंक एकाउंट का डिटेल उन्हें मिल भी गया। एकाउंट में ज्यादा एमाउंट होने पर उन्होंने गोल्ड क्वाइन और ज्वैलरी खरीदी। इसके अलावा रेलवे टिकट, मोबाइल रिचार्ज, सौंदर्य प्रशाधन, ब्रांडेड कपड़े, मोबाइल आदि बुक करके मंगाते थे।

घर वालों को भी करते थे यूज

दोनों ने फर्जीवाड़े के इस खेल में जाने-अंजाने परिवार की महिलाओं को भी शामिल कर लिया था। पुलिस के अनुसार वे सामान की डिलीवरी लेने के लिए अपनी मां और बहन को आगे कर देते थे ताकि कोई उन पर शक न करे। एसएसपी ने बताया कि अब तक क्7 मामलों का पता चला है। पूछताछ जारी है। और मामले भी सामने आ सकते हैं।

शातिर अपराधी हैं चाचा

पुलिस रिकार्ड के अनुसार उनके चाचा गाजीपुर के हिस्ट्रीशीटर हैं। पिता सरकारी टीचर हैं। रूलिंग पार्टी से जुड़े होने के कारण उनके चाचा की दबंगई है। पुलिस के अनुसार गलती से दोनों इलाहाबाद न आते तो पकड़ना भी संभव नहीं था। गाजीपुर में तो वह चाचा के नाम का इस्तेमाल एटीएम के अंदर मामला फंसने पर करते थे।

साइबर सेल प्रभारी ज्ञानेन्द्र राय ने टीम के साथ इस गैंग का खुलासा किया है। टीम को भ्000 रुपए इनाम दिया जाएगा। साइबर क्रिमिनल्स से बचने का एलर्ट रहना ही एक आप्शन है। हर कोई अॅवेयर हो जाए तो ये फ्राड नहीं कर सकते।

-दीपक कुमार

एसएसपी, इलाहाबाद

एक नजर में साइबर क्रिमिनल्स

-सगे भाई हैं पकड़े गए अंशुमन और अजातशत्रु

-गाजीपुर के रहने वाले हैं दोनों, पंजाब के इंस्टीट्यूट से कर रहे हैं बीटेक

-सोने के सिक्के के साथ ज्वैलरी शॉपिंग पर करते थे कंसंट्रेट

-गाजीपुर के साथ वाराणसी और इलाहाबाद के लोग होते थे निशाने पर

-7ब् ग्राम वजन के सोने के सिक्के व ज्वैलरी

-एक बाइक, दो मोबाइल बरामद हुए

अपराधियों की कार्यशैली

-भीड़ भाड़ के समय एटीएम में प्रवेश लेना

-एटीएम का नंबर और पासवर्ड एक नजर देखकर कर लेते थे याद

-एटीएम के भीतर ट्रांजेक्शन के बाद फेंकी गई पर्चियों को भी बनाते थे हथियार

-सामान रिसीव करने के लिए घर की महिलाओं को करते थे यूज

-बैंक एकाउंट का डिटेल निकलवाने में भी कई बार रहे सफल

-खाते में एमाउंट के अनुसार बुक करते थे सामान

Posted By: Inextlive