गायब हुए मुद्दे, धर्म-जाति को हवा देने का हो रहा प्रयास
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की डिबेट में बोले व्यापारी, मेयर और पार्षद ऐसा हो, जो पब्लिक के मुद्दों पर बात करे
ALLAHABAD: जिस तरह लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मुद्दे गायब हो जाते हैं। धर्म, जाति, मजहब के साथ अन्य मुद्दे हावी हो जाते हैं। निकाय चुनाव में भी इसी तरह का माहौल बनाने का प्रयास हो रहा है। शहर का डेवलपमेंट कैसे होगा? इनक्रोचमेंट, जाम, वाटर लॉगिंग, कचरे के ढेर से छुटकारा कैसे मिलेगा? इन मुद्दों को गायब कर दिया गया है। अब पब्लिक को जागना होगा। भटकाने वाले नहीं बल्कि विकास के मुद्दों पर बात करने वाले प्रत्याशियों को ही चुनना होगा। सोमवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 'निकाय चुनाव का आधार क्या होना चाहिए'? इस विषय पर व्यापारियों के बीच चर्चा रखी। वर्षो से हैं ये समस्याएं-पुराने शहर और सिविल लाइंस को जोड़ने वाले निरंजन पुल के नीचे हल्की बारिश में भी भर जाता है पानी
पूरे शहर की सड़कें सीवर बिछाने के लिए खोदी गई हैं। कुछ बनी हैं तो कुछ आधी-अधूरी हैं। अब अगर पार्षद से शिकायत करो तो जवाब होता है ये काम तो गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई कर रही है। हम क्या करें। आलोक श्रीवास्तव, अध्यक्ष, नैनी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल- बारिश न होने पर भी निरंजन पुल के नाला से बैक फ्लो होने पर होता है जलभराव
- सिविल लाइंस एरिया में डेवलपमेंट, लेकिन 70 से 80 प्रतिशत नालियां कर दी गई हैं खत्म - सिविल लाइंस हो या चौक और कटरा, पूरे शहर में एक्टिव हैं स्ट्रीट वेंडर- स्ट्रीट वेंडरों के लिए निश्चित नहीं किया जा सका है प्रॉपर स्थान
- आज तक शहर से बाहर नहीं किए जा सके हैं आवारा पशु - शहर के किसी भी मार्केट में नगर निगम डेवलप नहीं कर सका है पार्किंग की व्यवस्था - इनक्रोचमेंट बन चुकी है ला इलाज बीमारी - रोड पर जाम तो इलाहाबाद की बन चुकी है पहचान - पॉलिथीन पर नहीं लग पा रहा है बैन वर्जन- शहर की पब्लिक को धर्म, जाति और अन्य मुद्दों से कोई मतलब नहीं है। उसे तो बस रहने के लिए स्वच्छ वातावरण, पीने के लिए शुद्ध पानी, चलने के लिए चकाचक रोड की जरूरत है। योगेश गोयल, संरक्षक, उत्तर उद्योग व्यापार मंडल प्रत्याशी का चयन योग्यता के आधार पर होना चाहिए। पार्षद चुनने में सावधानी बरतनी चाहिए। पार्षद ही वह पहली कड़ी है, जो वार्ड की समस्या को उठाता है। शिवशंकर सिंह, जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल निकाय चुनाव विकास के मुद्दे पर होना चाहिए। हमारा मेयर और पार्षद ऐसा हो, जो लोगों से जुड़ा हुआ हो। वह हर किसी की समस्या को जानता और समझता हो, समस्याओं के निदान के लिए आवाज उठाता हो। आशीष कुमार गुप्ता, महानगर अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडलचौक एरिया को पुराने शहर की जान कहा जाता है, लेकिन आज इसकी पहचान जाम, इंक्रोचमेंट और आवारा पशु हैं। निकाय चुनाव के तमाम मुद्दों में ये मुद्दा भी शामिल होना चाहिए।
नीरज गुप्ता, पॉलीथिन व्यापारी वाटर लॉगिंग इलाहाबाद की सबसे बड़ी समस्याओं में एक है। इस समस्या के समाधान के लिए करोड़ों रुपये के वर्क हो चुके हैं, लेकिन प्राब्लम हर साल खड़ी हो जाती है। दीपक अग्रवाल शहर के ज्यादातर वार्डो में सफाई व्यवस्था बदहाल है। सफाई कर्मचारी के आने का कोई समय नहीं है। चौक एरिया में सफाई तब होती है, जब दुकानें खुल जाती हैं। अमिताभ गौड़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल शहर के ज्यादातर सड़कों को डंपिंग यार्ड बना दिया गया है। मम्फोर्डगंज का भी यही हाल है। जिससे पब्लिक परेशान है। लेकिन समस्याएं और मुद्दे तो चुनाव से गायब हैं। रितेश सिंह, वाइस प्रेसीडेंट, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ये बात बिल्कुल सही है, जिन मुद्दों और समस्याओं के समाधान के लिए निकाय चुनाव हो रहा है। वो मेयर और पार्षद प्रत्याशियों के बीच से गायब हैं। प्रदीप तिवारी, अध्यक्ष, अखिल भारतीय भोजपुरिया समाजमेयर और पार्षद प्रत्याशियों से मेरा सवाल है कि जिस बिल्डिंग में वाटर का कनेक्शन ही नहीं है, उसके लोगों से क्या वाटर टैक्स और वाटर चार्ज लिया जाना उचित है।
लालू मित्तल, महामंत्री, प्रयाग केमिस्ट एसोसिएशन प्रदेश के सभी नगर निगमों में इलाहाबाद ऐसा हैं, जहां पांच गुना अधिक कॉमर्शियल हाउस टैक्स लिया जा रहा है। इसके बाद भी वित्तीय समस्या बनी हुई है। शशांक जैन, अध्यक्ष, इलाहाबाद इलेक्ट्रानिक एसोसिएशन शहर में जगह-जगह इल्लीगल कंस्ट्रक्शन हो रहे हैं। इसमें एडीए और नगर निगम के लोग शामिल हैं। हाल ही में पूरा गड़रिया में दो दर्जन से अधिक मकानों को गिराया गया। मनोज गोस्वामी, एडवोकेट हाईकोर्ट शहर के व्यस्त बाजारों में यूटिलिटी की व्यवस्था की जिम्मेदारी किसकी है, मेयर, पार्षद या फिर आम जनता की। जिनकी जिम्मेदारी है वे क्या कर रहे हैं। तापस भट्टाचार्य बद्तर सफाई व्यवस्था से पूरा शहर परेशान है। इस पर किसी का कंट्रोल नहीं है। हरी-भरी आई कुछ दिन बेहतर काम किया और गायब हो गई। राजकमल शहर और वार्ड के लोगों की सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। इन्हीं वादों के साथ मेयर और पार्षद पद के प्रत्याशी चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं। बाद में भूल जाते हैं। मामाजी सलूजा