- ब्लड बैंकों में बढ़ गई प्लेटलेट्स की डिमांड

- एक महीने के भीतर तेजी से हुई वृद्धि

- बारिश में जलजमाव होने से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा

ALLAHABAD: क्या डेंगू ने दस्तक देनी शुरू कर दी है? यही सवाल लोगों के जेहन में गूंज रहा है। बारिश के बाद जिस तरह से जगह-जगह जलजमाव हो रहा है, उससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। साथ ही मरीजों की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है। हेल्थ डिपार्टमेंट भले ही कुछ न बोले लेकिन मरीजों के लक्षण डेंगू की आहट की ओर इशारा कर रहे हैं। अगर समय रहते राहत के इंतजाम नहीं किए गए तो पिछले वर्षो की तरह इस बार भी यह खतरनाक बीमारी कहर बरपा सकती है।

ख्भ् फीसदी बढ़ गई डिमांड

पिछले एक महीने में शहर के ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की डिमांड ख्भ् फीसदी तक बढ़ गई है। इसे शुरुआती तौर पर खतरे की घंटी माना जा सकता है। हर बार बारिश शुरू होने के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है और मलेरिया और डेंगू के मरीज भी बढ़ने लगते हैं। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। अकेले इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के ब्लड बैंक से रोजाना 80 यूनिट के आसपास प्लेटलेट्स की सप्लाई हो रही है। मरीजों के परिजन डॉक्टर्स की सलाह पर इन्हें ले जा रहे हैं।

डेंगू में चढ़ाई जाती है प्लेटलेट्स

लक्षणों के आधार पर डेंगू से पीडि़त मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती है। तेज फीवर होने से शरीर में प्लेटलेट्स की क्षति होती है और इसकी मात्रा बराबर करने के लिए ऐसा किया जाता है। हालांकि वायरल फीवर और मलेरिया के रेयर केसेज में ऐसा होता है लेकिन जिस तरह से डिमांड बढ़ी है, वह हालात डेंगू की ओर इशारा कर रहे हैं। प्राइवेट नर्सिग होम्स भी प्राइवेट पैथोलाजी की जांच के आधार डेंगू की पुष्टि करते हैं।

होने लगा जल जमाव, नहीं हो रहा दवा का छिड़काव

बारिश शुरू होते ही शहर के कई इलाकों में जल जमाव की समस्या में इजाफा हुआ है। ठहरे हुए पानी में आसानी से मच्छरों के लार्वा पनप जाते हैं। इनके काटने से मलेरिया और डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां फैलती हैं। बता दें कि डेंगू के मच्छर भी साफ और ठहरे हुए पानी में पनपते हैं। उधर, हालात की जानकारी होते हुए भी अभी तक शहर में दवा छिड़काव शुरू नहीं किया गया है। जिससे मच्छरों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।

करिए अपने घर की मॉनीटरिंग

डॉक्टर्स का कहना है कि बारिश के मौसम में लोगों को अपने में रखे पुराने टायर, प्लास्टिक के डिब्बों और गमलों की निगरानी जरूर करनी चाहिए। इनमें जमा पानी हटा देना चाहिए। वरना, इस साफ पानी में डेंगू के मच्छर पनप सकते हैं। कूलर का पानी भी समय-समय पर बदलते रहना चाहिए। साथ ही घर के आसपास अगर पानी जमा हो तो उसमें जला हुआ मोबिल आयल डाल दें। इससे लार्वा मर जाते हैं।

-बारिश के मौसम में ठहरे हुए पानी में मच्छर पैदा होते हैं। इनके काटने से मलेरिया और डेंगू जैसे रोगों के संक्रमण का खतरा बना रहता है। ऐसे में लोगों को होशियारी बरतनी होगी। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

डॉ। ओपी त्रिपाठी, सीनियर फिजीशियन

-मलेरिया विभाग को एंटी लार्वा दवा छिड़काव के निर्देश दिए गए हैं। शहर के कई हिस्सों में छिड़काव जारी है। फिलहाल डेंगू का एक भी मरीज अभी तक हमारे संज्ञान में नहीं आया है।

डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, हेल्थ डिपार्टमेंट

Posted By: Inextlive