'एनओसी' तो केवल 'कॉमन पब्लिक' के लिए है..
- सिटी में NOC लिए बगैर खुल रहे हैं mall और outlets
- कॉमन पब्लिक के घर में थोड़ी सी मरम्मत कराने पर पहुंच जाता है ADA - मानसरोवर इलाके में बगैर NOC के खुल गया mall, RTI से हुआ खुलासा - CO traffic ने दिया जवाब mall की वजह से लगता है जामALLAHABAD: एक कॉमन मैन अपने घर में छोटा-मोटा कंस्ट्रक्शन शुरू कराता है, तो पता नहीं कहां से एडीए को खबर हो जाती है। वो घर पर धमक आते हैं और फिर शुरू हो जाती है इंक्वायरी। ले आउट पास कराया? फीस जमा किया? एनओसी लिया? अगर नहीं लिया तो पहले नोटिस की धमकी देते हैं? नोटिस से काम न बनने पर जबरन काम बंद करा देते हैं। ऊपर से लंबा चौड़ा जुर्माना भी लगा देते हैं। दूसरी ओर सिटी में बड़े-बड़े मॉल और कॉम्पलेक्स बगैर एनओसी के, बिना लेआउट पास कराए भीड़-भाड़ वाले इलाके में धड़ल्ले से खुल रहे हैं। इनकी वजह से सड़क पर जाम लगता है, पब्लिक परेशान होती है। हैरानी वाली बात ये है कि सबकुछ जानते हुए भी एडीए व नगर निगम के अधिकारी इन्हें नोटिस तक नहीं लेते।
हमें जानकारी ही नहीं हैशहर कांग्रेस कमेटी के सचिव इरशाद उल्ला खां ने बगैर एनओसी के ही लगातार खुल रहे मॉल और बड़े-बड़े शॉप की वजह से लग रहे जाम को लेकर एक आरटीआई लगाया। आरटीआई के जरिये इरशाद उल्ला ने नगर निगम, एडीए और पुलिस विभाग से मानसरोवर रोड पर खुले सिटी लाइफ मॉल के बारे में जानकारी मांगी। इसमें उन्होंने पूछा कि क्या इस मॉल को खोलने के लिए उनकी ओर से एनओसी जारी की गई है। जिसका जवाब करीब-करीब सभी विभागों की ओर से नहीं में आया है। एडीए ने तो जवाब दिया है कि एनओसी के लिए न तो अप्लाई हुआ है और न ही हमें जानकारी है।
बगैर एनओसी के कैसे खुल गया मॉल जब एडीए, नगर निगम और पुलिस विभाग ने एनओसी जारी नहीं किया तो फिर ये मॉल कैसे खुल गया। क्या ये नियम के खिलाफ नहीं है। जिस जगह पर मॉल खुला है, वो पुरानी सिटी का सबसे व्यस्त इलाका है। यहां कई बैंक हैं, बड़ी-बड़ी दुकानें हैं, जिससे सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है। एडीए ने इन्हें क्यों नहीं भेजी नोटिसएक छोटे से घर में नोटिस भेजने वाले एडीए के अधिकारियों और कर्मचारियों की नजर शहर के बीचों-बीच खुले मॉल पर कैसे नहीं पड़ी। मॉल के प्रोपराइटर ने एनओसी के लिए अप्लाई नहीं किया तो फिर, एडीए ने अन्य लोगों की तरह मॉल को भी नोटिस क्यों नहीं भेजा। ये भी एक अहम सवाल है
यहां अभियान चलाने की है जरूरत एसएसपी कार्यालय में लगाए गए आरटीआई के जवाब में क्षेत्राधिकारी ट्रैफिक किरन सिंह ने सिटी लाइफ मॉल की ओर से पार्किंग संबंधित एनओसी नहीं लिए जाने की बात को स्वीकार किया है। उन्होंने जवाब में लिखा है कि जिस स्थान पर मॉल खुला है, वहां पार्किंग व्यवस्था न होने के कारण सड़क के दोनों तरफ वाहन खड़े होते हैं, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है। इसलिए यहां पर अतिक्रमण हटाओ ड्राइव चलाने की जरूरत है, ताकि जाम न लगे। तो अवैध हैं दर्जनों कॉम्प्लेक्स और मॉलकोई भी मॉल, कॉम्पलेक्स, किसी कंपनी का आउटलेट, शॉप या फिर ऑफिस खोलने से पहले एडीए, नगर निगम और पुलिस विभाग से परमिशन लेने का नियम है। नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी एनओसी मिलने पर ही मॉल खोला जा सकता है। एनओसी का प्रॉसीजर इसलिए बनाया गया है, ताकि जहां मॉल खुले वहां आने वाली पब्लिक के लिए व्हीकल पार्किंग की व्यवस्था हो, जिससे सड़क पर जाम न लगे। लेकिन यहां सिटी लाइफ की तरह ही कई मॉल और कॉम्पलेक्स, आउटलेट इसी तरह बगैर एनओसी के खोले गए हैं, जिनकी वजह से पब्लिक परेशान होती है।