Allahabad : फिजा में लगातार बढ़ती ठंड ने बच्चों का जीना मुहाल कर दिया है. खांसी सर्दी जुकाम और फीवर के चलते उनकी परेशानी लगातार बढ़ती ही जा रही है. हॉस्पिटल्स की पीडियाट्रिक ओपीडी में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या इसका जीता-जागता एग्जाम्पल है. पैरेंट्स द्वारा बरती गई जरा सी लापरवाही उनको बच्चों को इस सीजन में भारी पड़ रही है...


खतरनाक है ठंडी हवाटेम्प्रेचर में आ रही गिरावट और सुबह-शाम चलने वाली ठंडी हवाएं बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। इनसे अपने बच्चों को बचाकर रखें तो बेहतर होगा। डॉक्टर्स की मानें तो उनके कान और सिर ढंककर रखें और पूरे आस्तीन के गर्म कपड़े पहनाएं। Infection से बचाना जरूरीसीजन चेंज होने की वजह से हर एज ग्रुप के लोग वायरल इंफेक्शन से परेशान हैं। ऐसे में अपने बेबी को भीड़भाड़ वाली जगहों पर ले जाने से इग्नोर करें। अगर कोई गेस्ट सर्दी-जुकाम से इंफेक्टैड हैं तो उसके पास बेबी को ना जाने दें। खुद भी बार-बार बेबी को टच करने से बचें। दूसरों की अपेक्षा बच्चे जल्दी इंफेक्टेड होते हैं। गर्म चीजें खाने को दें


मार्केटिंग के दौरान अगर बच्चे साथ हैं तो उनकी जिद को पूरा करने से बचें। खासतौर से कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम मत खिलाएं। गर्म और ठंडी चीजें एक साथ खाने को कतई ना दें। हॉस्पिटल की ओपीडी में इन दिनों तेजी से पेशेंट्स का रश बढ़ रहा है। डेली 100 से 150 बच्चे इंफेक्शन के शिकार होकर डॉक्टर्स के पास पहुंच रहे हैं। एक बार बीमार हो जाने के बाद उनको ठीक होने में एक से डेढ़ हफ्ते का वक्त लग रहा है।

इस सीजन में पैरेट्स को होशियार रहना होगा। जरा सा एक्सपोजर उनके बच्चों को बीमार कर सकता है। ओपीडी में ऐसे पेशेंट्स का रश लगातार बढ़ता जा रहा है।डॉ। यूसी द्विवेदी, पीडियाट्रिशियनबड़ों के मुकाबले बच्चों में इंफेक्शन के चांसेज ज्यादा होते हैं। इसलिए अगर आसपास कोई वायरल इंफेक्टेड हो तो उससे बच्चों को दूर रखने की कोशिश करें। शुरुआत सिम्प्टम्स होते ही डॉक्टर से संपर्क करें।डॉ। मनीष चौरसिया, पीडियाट्रिशियन

Posted By: Inextlive