Allahabad: बेटे श्रीराम के वियोग में तड़प रहे राजा दशरथ ने आखिरकार प्राण त्याग दिए. महाराजा दशरथ की मौत की जानकारी जब अयोध्यावासियों को मिली तो पूरी अयोध्या शोक के सागर में समा गई. अभी राम के वन गमन की पीड़ा कम भी नहीं हुई थी कि इसी बीच महाराज के प्राण त्यागने की घटना ने अयोध्यावासियों को शोकाकुल कर दिया. वेडनसडे को पथरचट्टी रामलीला कमेटी में राजा दशरथ के प्राण त्यागने के प्रसंग का मंचन हुआ. इससे पहले अयोध्या से निकले श्रीराम का निषादराज द्वारा स्वागत करने की लीला का मंचन हुआ जिसमें निषादराज द्वारा श्रीराम सीता व लक्ष्मण को नाव द्वारा गंगा पार करने का दृश्य देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए.


और काट ली सूर्पणखा की नाक पजावा रामलीला कमेटी की ओर से वेडनसडे को पंचवटी में सूपर्णखा की नासिका काटने की लीला का मंचन हुआ। उधर अयोध्या में पिता की मौत के बाद माताओं के विधवा रूप को देखकर भरत का विलाप करने की कथा का मंचन भी किया गया। श्रीकटरा रामलीला कमेटी की ओर से श्रीराम के वन गमन की कथा का भावपूर्ण मंचन हुआ। इसके बाद केवट और भगवान श्रीराम के बीच हुए संवाद को बेहद सुन्दर तरीके से प्रदर्शित किया गया। जिसे देखकर सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। श्रीदारागंज रामलीला कमेटी की ओर से अलोपीबाग लीला ग्राउण्ड में मारीच वध, हनुमत प्राकट्य व श्रीराम, सुग्रीव की मित्रता की लीला का मंचन बहुत ही खूबसूरत ढंग से किया गया. 

Posted By: Inextlive