झूंसी स्थित आनन्द कानन बिड़ला हाऊस में पाले गए 20 चीतल तथा एक चिंकारा की जान आवारा कुत्तों ने ले ली. बिड़ला हाऊस के निजी कैम्पस में यूनिवर्सल केबिल कम्पनी लिमिटेड की अभिरक्षा में यह हिरन कई दशकों से पाले गये थे जिस हेतु वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के अन्तर्गत हिरन पालने की अनुमति भी सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस निजी कम्पनी को प्राप्त है.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। जानकारी के अनुसार चीतलों की अभिरक्षा तथा संरक्षण का दायित्व यूनिवर्सल केबिल कम्पनी लिमिटेड द्वारा किया जाता रहा है। एक साथ बड़ी संख्या में चीतल और चिंकारा की मौत की सूचना प्राप्त होते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गये। उन्होंने घटनास्थल की जांच की और प्रथम दृष्टया 20 चीतल एवं 1 चिंकारा की मृत्यु आवारा कुत्तों के हमले से होना पाया गया। सभी मृत वन्यजीवों का मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा गठित तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। घटना के सम्बन्ध में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के सुसंगत धाराओं में मामला पंजीकृत कराया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

Posted By: Inextlive