अध्यापक संघ ने चीफ प्रॉक्टर पर बढ़ाया दबाव
-इविवि के शारीरिक शिक्षा विभाग का मामला
ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष प्रो। रामसेवक दुबे ने चीफ प्रॉक्टर प्रो। एचएस उपाध्याय को पत्र लिखकर फिजिकल एजुकेशन के हेड प्रो। डीसी लाल के साथ किए दुर्व्यवहार की निंदा की है तथा दोषियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। पिछले दिनो प्रो। लाल के साथ उनके विभाग मे घुसकर अराजक तत्वों ने धक्कामुक्की की थी। जिसके बाद प्रो। लाल ने थाना कर्नलगंज में मुकदमा दर्ज कराना कराया था। बेटे का चयन फर्जी, इसलिए किया है टार्गेट एमपीएड की दक्षता परीक्षा कैंसिलउधर, प्रो। डीसी लाल ने सोमवार को विवि खुलने के पहले ही एमपीएड की दक्षता परीक्षा को कैंसिल कर दिया है। उनका कहना है विवि में प्रशासनिक पद पर बैठे शिक्षकों के इशारे पर छात्रसंघ के पदाधिकारी ने उनके चैंबर में घुसकर उनसे जबरन 25 और 26 अक्टूबर को दक्षता परीक्षा की डेट लिखित में घोषित करवा ली थी। प्रो। लाल का कहना है कि बिना बीपीएड की मान्यता के एमपीएड की शुरूआत नहीं हो सकती। लेकिन विवि में एक ऊंचे पद पर काबिज अफसर के इशारे पर फर्जी तरीके से एमपीएड के दाखिले के लिए दबाव बनाया जा रहा है। डॉ। लाल का कहना है कि उन्होंने एकेडमिक काउंसिल की बैठक में संबंधित अफसर के बेटे के शिक्षक भर्ती में फर्जी तरीके से किए गए चयन पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद से उन्हें टार्गेट पर ले लिया गया है।
ऐसे बढ़ता गया विवाद - विभाग में एकेडमिक सेशन 2015-16 तक बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीई) की पढ़ाई होती थी। - इसमें सीटों की संख्या उस समय 30 हुआ करती थी। - जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी को बीपीई का नाम बदलकर बीपीईएस (बैचरल ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स) करना था। - इसके लिए बोर्ड ऑफ स्टडीज और फिर एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी लेनी पड़ती। - लेकिन विवि प्रशासन और विभागीय लापरवाही के चलते कोर्स का नाम नहीं बदला जा सका। - जिसके चलते इस पापुलर कोर्स को बंद करना पड़ा। बीपीएड की लेनी थी मंजूरी - अब खतरा एमपीएड (मास्टर इन फिजिकल एजुकेशन) पर भी मंडरा रहा है। - विभागीय लोगों का कहना है कि एनसीटीई की गाइडलाइन है कि बिना बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) के एमपीएड को कंटिन्यू नहीं किया जा सकता। - एनसीटीई जयपुर ने इसी शर्त पर 05 फरवरी 2015 को एमपीएड के एक बैच (सेशन 2015-16) को तीन वर्ष के लिए मान्यता दी थी।- कहा था कि इस दौरान बीपीएड पाठ्यक्रम की मंजूरी ले ली जाए। लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं पाया है।
- डॉ। डीसी लाल का दावा है कि यूनिवर्सिटी द्वारा बीपीएड की मान्यता नहीं ली जा सकी है। - ऐसे में एमपीएड की मान्यता भी 04 फरवरी 2018 (मान्यता सेशन 2015-16 के लिए ही थी) को समाप्त हो गई। - मार्च माह में छात्र-छात्राओं ने कोर्स और डिग्री की वैधानिकता को लेकर हंगामा किया था। मिल चुका है रिफ्यूजल लेटर - बताया जाता है कि एनसीटीई ने एयू एडमिनिस्ट्रेशन की लापरवाही के मद्देनजर 26 फरवरी 2018 को बीपीएड की मान्यता का रिफ्यूजल लेटर भी जारी कर दिया। - इससे पहले एनसीटीई ने दिसम्बर 2017 में विभाग को बीपीएड की मान्यता के लिए स्टाफ प्रोफाईल का ब्यौरा भेजने को कहा था। - विवि प्रशासन और विभाग द्वारा इसको आगे नहीं बढ़ाया गया। इसके बाद वर्ष 2015 में बीपीएड की मान्यता के लिए किया गया आवेदन निरस्त करना पड़ा।