सरचार्ज को लेकर पार्षदों में घमासान
पार्षदों ने मीटिंग कर मेयर व नगर आयुक्त के आदेश का किया विरोध
कुछ पार्षदों ने अगले वित्तीय वर्ष से सरचार्ज बढ़ाने का किया समर्थन ALLAHABAD: नगर निगम द्वारा रेजीडेंसियल और कॉमर्शियल हाउस टैक्स पर प्रमोशनल सरचार्ज लगाए जाने के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ पार्षद जहां नगर निगम के कदम को सही ठहराते हुए अगले वित्तीय वर्ष से प्रमोशनल सरचार्ज लगाए जाने का समर्थन कर रहे हैं। वहीं कुछ इसे नगर निगम का काला कानून बताते हुए आंदोलन के मूड में हैं। सोमवार को पार्षदों के एक गुट ने पार्षद कक्ष में मीटिंग कर आंदोलन का ऐलान किया। अधिकार का हो रहा गलत उपयोगनगर निगम के कार्यकारिणी उपाध्यक्ष व पार्षद सुशील यादव की अध्यक्षता में सोमवार को पार्षदों की मीटिंग हुई। इसमें निगम द्वारा जनता पर प्रमोशनल सरचार्ज लगाए जाने को विधि विरूद्ध, काला कानून और अलोकतांत्रिक ठहराया गया। पार्षदों ने कहा कि एक्ट में लोगों को जागरुक करने के लिए सेल्फ असेसमेंट करने का प्रावधान है। लेकिन, सभी के लिए यह जरूरी है, और न करने पर टैक्स लगाया जाए ऐसा कोई नियम नहीं है। नगर आयुक्त द्वारा संपत्ति कर नियमावली 2000 में प्रदत्त जुर्माना लगाने के अधिकार का गलत उपयोग किया जा रहा है। इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
19 से आंदोलन का आगाज पार्षदों ने निर्णय लिया कि सरचार्ज के विरोध में 19 जनवरी से आंदोलन शुरू होगा। पहले नगर आयुक्त व मेयर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 20 को कमिश्नर को ज्ञापन देंगे। इसके बाद भी निर्णय न होने पर पब्लिक को जागरूक कर विरोध करेंगे। उन्होंने हरी-भरी द्वारा छह महीने में सफाई व्यवस्था बेहतर तरीके से न कराए जाने पर कांट्रैक्ट खत्म करने की मांग की गई। मीटिंग में पार्षद शिवसेवक सिंह, अतहर रजा लाडले, गिरीशंकर प्रभाकर, रमेश मिश्रा, गणेश केसरवानी, सत्येंद्र चोपड़ा, अनीस अहमद, चंद्रभूषण सिंह, उत्तम कुमार, प्रहलाद चंद्र गुप्ता, मो। मुस्लिम, पुष्पा कुशवाहा, संजय गुप्ता, आनंद सिंह, विजय पुर्सवानी, आनंद सिंह, अहमद अली, चंद्रशेखर बच्चा, चंद्र प्रकाश, मो। आजम, दीपेश यादव, पुलकित यादव, प्रेमलता गुप्ता, सत्यजीत गौतम, आशा तिवारी, दिलीप यादव आदि शामिल रहे। इनसेट- जनहित में अड़चन पैदा कर रहे पार्षदशनिवार को अवकाश के बाद भी मीटिंग कर प्रमोशनल सरचार्ज को अगले वर्ष से लागू किए जाने के निर्णय पर सहमति देने वाले पार्षदों ने मीटिंग करने वाले पार्षदों के निर्णय को गलत करार दिया। कहा गया कि इस तरह मीटिंग करना जनहित में अड़चन पैदा करने का प्रतीक है। मेयर और नगर आयुक्त की मौजूदगी में निर्णय लिया जा चुका है तो फिर ये विरोध क्यों? यह केवल लोकप्रियता पाने का एक जरिया है। पार्षदों की ओर से जारी विज्ञप्ति में पार्षद निजामउद्दीन, राजेश निषाद, राजू निषाद, नीरज गुप्ता, मीनू तिवारी, राजेश कुशवाहा, अब्दुल समद, गिरधारी सिंह, बबिता घिल्डियाल, अमित किर सिंह, लाज सोनकर, परवीन बेगम, गोमी देवी, सुमन शुक्ला, राजू शुक्ला, दिनेश गुप्ता, अकीलुर्रहमान द्वारा मीटिंग करने वाले पार्षदों के निर्णय का विरोध का दावा किया गया है।