सुनी नहीं गई पुकार तो वोटिंग का किया बहिष्कार
-वोटिंग के दौरान जूड़ापुर कांड की ग्रामीणों ने दिलाई याद
-किया वोटिंग का बहिष्कार, प्रशासनिक अधिकारियों में मचा हड़कंप बूथ नंबर: 332 कुल वोट: 673 7 बजे तक पड़े थे महज 3 वोट 5 बजे तक पड़ सके सिर्फ 29 वोट ALLAHABAD: लोकसभा उपचुनाव में लखनपुर कांदू गांव में बने बूथ पर ग्रामीणों ने जूड़ापुर हत्याकांड में निर्दोषों को फंसाए जाने और विकास कार्य नहीं होने की बात कहकर मतदान का बहिष्कार कर दिया। किसानों ने प्राथमिक विद्यालय में वोट देने की बजाय गेहूं काटने में अधिक दिलचस्पी दिखाई। मतदान बहिष्कार की सूचना पर खुद एडीएम बारा अर्पित गुप्ता पहुंचे। गांव के प्रधान ने भी वोट दिया है। प्रशासन ऐसे किसी वोटिंग बहिष्कार की बात से इंकार कर रहा है। मौके पर पहुंचते रहे अधिकारीसुबह सात बजे जैसे ही वोटिंग शुरू हुई, सोरांव के कांदू गांव से आने वाली सूचना ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया। कंट्रोल रूम को सूचना दी गई कि यहां किसानों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया है। केवल तीन वोट ही पड़ सके हैं। ऐसे में एसडीएम, एसीएम सहित जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट आदि मौके पर पहुंच गए। उन्होंने किसानों की मान-मनौव्वल की लेकिन वह नही माने। वह जूड़ापुर चर्चित हत्याकांड में चार निर्दोषों को जबरन फंसाए जाने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि गांव का विकास नही हुआ है। जिसके चलते ग्रामीण वोट नहीं देंगे। बताया गया कि दिन के अंत तक बूथ में केवल 29 वोट ही डाले सके।
क्या था मामला? बता दें कि नवाबगंज थाना क्षेत्र के जूड़ापुर गांव में पिछले साल 24 अप्रैल की रात किराना दुकानदार मक्खन लाल साहू ,उसकी पत्नी मीरा और दो बेटियों वंदना व निशा की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। इस नृशंस हत्याकांड के बाद लोगों में काफी आक्रोश था और कई प्रदर्शन किए गए थे। पुलिस ने मामले में हत्यारों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया था। गांव के राज बहादुर मौर्य, दिनेश पटेल, राम जतन पटेल व वाराही देवी का आरोप है कि पुलिस ने मामले में नीरज मौर्य समेत जिन तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है, वे निर्दोष हैं। मामले में जब तक सीबीआई जांच का आश्वासन नहीं मिलता तब तक हम लोग मतदान का बहिष्कार करेंगे। इसलिए नहीं डाला वोट -जूड़ापुर गांव में हुई हत्या में निर्दोषों को फंसाने का आरोप। -जर्जर तार और जर्जर सड़क न बनाए जाने का आरोप। -ट्रांसफार्मर लगवाने की मांग भी पूरी नहीं की गई। वर्जनकिसी प्रकार के बहिष्कार की सूचना गलत है। ग्रामीणों ने एक घंटे तक मतदान रेाका था। बाद में हमारे अधिकारियों ने जाकर उनसे बात की और फिर बूथ पर मतदान शुरू हो गया।
-सुहास एलवाई, डीएम