आंखों के सामने से गाड़ी चोरी करने वाली का एक नया गैंग शहर में सामने आया है. ऑनलाइन गाड़ी बेचने व खरीदने वालों को इस गैंग से सतर्क करना होगा. क्योंकि यह गैंग ऑन लाइन गाड़ी बेचने वालों से पहले फोन पर संपर्क करता है. इसके बाद गाड़ी खरीदने के नाम पर मिलने की बात करता है. गाड़ी मालिक के बुलाने पर शातिर किराए की कार लेकर उसके स्थान पर जाता है. कार ड्राइवर को गाड़ी में बैठाकर खुद उतर कर गाड़ी बेचने वाले से बात करता है. फिर उस गाड़ी मालिक को अपनी किराए की कार के पास खड़ा करा देता है और टेस्ट ड्राइव के बहाने उसकी गाड़ी लेकर शातिर भाग जाता है. यह बातें शुक्रवार को गैंग के गिरफ्तार एक गुर्गे ने कबूल की है. उसे कोतवाली थाने की पुलिस व साइबर सेल की टीम द्वारा पकड़ा गया है.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। गिरफ्तार किए गए इस शातिर का नाम राम सागर पाल है। वह मीरजापुर जिले के थाना जिगना स्थित मूर्तिहवा बघेड़ा खुर्द बहरा गांव निवासी लालमणि पाल का बेटा है। मौजूदा समय में वह माण्डा इलाके के लठिया गांव में रहता है। शहर के कोतवाली एरिया स्थित गोबर गली के पास से कोतवाली पुलिस व साइबर सेल की टीम ने उसे गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में उसके द्वारा चौंकाने वाली बात बताई गई। कहा कि ऑनलाइन वह बाइक या कार बेचने वालों को सर्च करता है। इसके बाद गैंग के लोग गाड़ी बेचने वालों से संपर्क करते हैं। गाड़ी देखने व टेस्ट ड्राइव के नाम पर उसे गाड़ी लेकर निर्धारित स्थान पर बुलाते हैं। खुद किराए की कार से उसके पास पहुंचते हैं। किराए पर कार लेकर साथ जाने वाले चालक को अंदर ही बैठे रहने को बोलते हैं। खुद उतरकर उस शख्स से मिलते हैं जो बेचने के लिए अपनी गाड़ी लेकर पहुंचा होता है। उस शख्स से शातिर कहते हैं कि आप मेरी कार के पास खड़े रहिए। हम आप की गाड़ी को टेस्ट ड्राइव करके आते हैं। टेस्ट ड्राइव के नाम पर शातिर उसकी बाइक या कार लेकर चंपत हो जाते हैं, और उस गाड़ी कार मालिक उसकी किराए की कार के पास खड़ा होकर उसके लौटने का इंतजार ही करता रह जाता है। शातिर गैंग के इस फ्राड का पता लोगों को तब चलता है जब शातिर काफी देर वापस लौटकर नहीं आते। गिरफ्तार किए गए गैंग के गुर्गे से पुलिस को इस तरह नजरों के सामने से चुराई गई दो बाइक मिली है।

एक साथ दो लोगों से करता था फ्राड
धोखे का सहारा लेकर गाडिय़ों को चोरी करने वाला गैंग फर्जी कागजात भी बनाने में माहिर है। पूछताछ में शातिर रामसागर पाल ने पुलिस को बताया कि यह कागजात वे खुद हाईटेक साफ्टवेयर के जरिए एडिट करके बनाया करते हैं। गैंग दर्जनों गाडिय़ां इस तरह से फ्राड के सहारे चोरी करके बेच चुका है। गाड़ी को लेकर भागने वाले यह शातिर उस कार चालक को भी पैसे नहीं देते जिसे बुक करके चुराई गई गाड़ी मालिक के पास पहुंचते हैं। इस तरह वह एक नहीं बल्कि दो-दो लोगों को धोखा देने का काम करते हैं। पुलिस अब इस पूरे गैंग के गुर्गों को सर्च करने में जुट गई है।

यह बिल्कुल नए तरीके का क्राइम सामने आया है। इस गैंग के पूरे गुर्गों को तलाशने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ऑनलाइन गाडिय़ों को बेचने वाले लोगों को इस गैंग से सतर्क रहने की जरूरत है।
अमर सिंह रघुवंशी, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली

Posted By: Inextlive