अब राह आसान होगी
बड़ी tension से मिलेगी छुटकारा
इलाहाबाद से मुंबई जाना किसी दुश्वारी से कम नहीं है। 60 दिन पहले भी रिजर्वेशन कराने पर वेटिंग का टिकट हाथ लगता है। इसके अलावा इलाहाबादियों के पास वाराणसी या लखनऊ तक ट्रेवल करके फ्लाइट लेने का ऑप्शन है। लखनऊ की दूरी मिनिमम पांच घंटे में तय होती है और वाराणसी पहुंचने में भी चार घंटे तक लग जाते हैं। यानी इन दोनों स्टेशनों तक जाकर भी फ्लाइट लेने पर मिनिमम आठ से दस घंटे की जर्नी हो जाती थी। यानी पूरा दिन वेस्ट हो जाता था या फिर उन शहरों में होटल्स का एक्स्ट्रा बिल पे करना पड़ता था। नई फ्लाइट इन सभी प्राब्लम्स का साल्यूशन है। सबसे खास बात यह है कि काम निबटाकर चौबीस घंटे में लौट आने का ऑप्शन है। ओवरआल खर्चे के कम्पेयर करें तो यह जेब पर भी ज्यादा बोझ नहीं देने जा रही है।कहां 26, कहां सिर्फ दो घंटे
इलाहाबाद से मुंबई की दूरी 1397 किलोमीटर है। सुपर फास्ट ट्रेन लेने पर भी 24 घंटे तक लग जाते हैं। वह भी तब जब, ट्रेन राइट टाइम चले। इसके विपरीत एयर इंडिया की फ्लाइट मुंबई तक का सफर सिर्फ दो घंटे में तय करवा देगी। मार्निंग में 9.15 बजे यह इलाहाबाद से टेक ऑफ करेगी और दो घंटे बाद 11.15 बजे मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड कर जाएगी। यानी सुकून से घर से निकलिए और मुंबई में पूरे दिन का काम आराम से निबटाइए। बिजनेस के सिलसिले में मुंबई जाने वाले मो। युसूफ कहते हैं कि ट्रेवल शिड्यूल प्री प्लांड हो तो फ्लाइट की जर्नी ट्रेन के एसी फस्र्ट क्लास से सस्ती पड़ जाएगी। क्योंकि, 24 घंटे की जर्नी के दौरान खाने-पीने पर भी खर्च होता है।
AC Ist का 3280, flight का 3994फ्लाइट सर्विस को जबरदस्त रिस्पांस के कारण को आकड़ों में भी आसानी से समझा जा सकता है। ट्रेन के फस्र्ट एसी में एक पैसेंजर का फेयर 3280 है, जबकि फ्लाइट में इकोनॉमिकल क्लास की टिकट 3994 रुपए में है। ट्रेवल एजेंसी के मैनेजर डीके चटर्जी बताते हैं कि मुंबई की 70 सीटर इस फ्लाइट में 13 कैटेगरी होंगी। वाई क्लास सबसे हाई जबकि ई क्लास लो फेयर की होती है। हर क्लास की सीट फिक्स है और फेयर में एक निश्चित अंतर है। मुंबई का ट्रैवल प्लान 30 से 60 दिन पहले बना लिया जाय तो फ्लाइट से आना-जाना ज्यादा महंगा साबित नहीं होगा। सबसे हाई वाई क्लास का फेयर 25 हजार रुपए के आसपास है.खत्म हो जाएगी टैक्सी से यात्रा की टेंशन
-सबसे हाई वाई क्लास, फिर एम, एच, के व क्यू से होते हुए लास्ट में एस व ई क्लास है। हर क्लास की सीटें फिक्स्ड हैं. -ई यानी ईजी क्लास का फेयर सबसे कम है। सीट फुल होने के साथ आगे की कैटेगरी में बढ़ती जाती है। फेयर भी बढ़ जाता है. इलाहाबाद-मुंबई फ्लाइट अभी शुरू नहीं हुई है। लेकिन, इसकी जबरदस्त डिमांड है। मिडिल क्लास फैमिली भी टाइम सेविंग के लिए फ्लाइट का आप्शन ले रही है। नवंबर तक की ईजी फेयर की सीटें बुक हो चुकी हैं. -डीके चटर्जी, ट्रैवल एक्सपर्टइलाहाबाद में फिल्मी दुनिया के सेलेब्रिटी आने से इसलिए अवॉइड करते हैं क्योंकि टाइम ज्यादा खर्च होता है। वाराणसी या लखनऊ से फ्लाइट मिलती थी। वाराणसी से आने पर तीन से चार घंटे और लखनऊ से आने पर पांच घंटे टैक्सी से ट्रैवल करना पड़ता था। इससे पूरा दिन चला जाता था। यानी जितना वक्त इलाहाबाद से मुंबई की फ्लाइट में लगेगा, उससे दो से तीन गुना तक का वक्त रोड ट्रैवल में लग जाता है। जाम में व्हीकल फंसने पर दुर्गति हो जाती है। सीधे फ्लाइट इस समस्या को दूर कर देगी यानी टैक्सी ट्रेवल का कोई झंझट ही नहीं.
जेब की टेंशन को मिलेगी बड़ी राहतमुंबई से लखनऊ या वाराणसी फ्लाइट से आने वाला इलाहाबाद ट्रेन या रोडवेज बस में तो चढ़कर आएगा नहीं। यानी वक्त जाया होने के साथ ही खर्चे का एक और पैकेज झेलना पड़ता था। टैक्सी या कैब करने में दो से तीन हजार रुपए तक का एक्सट्रा बोझ पैसेंजर पर आ जाता था। वाराणसी से मुंबई की फ्लाइट फेयर की रेंज भी 8000 से स्टार्ट होती है ऐसे में यह डबल खर्चा पैसेंजर को अच्छी खासी टेंशन दे देता था। मुंबई की डायरेक्ट फ्लाइट इस बेवजह के खर्चे से भी पैसेंजर्स को मुक्ति दिला देगी.
नए टर्मिनल से राहत कुछ और बढ़ जाएगीऑफिसर्स बताते हैं कि बमरौली में अभी इंफ्रास्ट्रक्चर की काफी कमी है। इसके चलते ज्यादा फ्लाइट नहीं चलाई जा सकती। लेकिन, नए टर्मिनल के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। इसके बनकर तैयार होने में थोड़ा टाइम लगेगा लेकिन एक बार यह बनकर तैयार हो गया तो दिल्ली, मुंबई के साथ ही बंगलुरु व कोलकाता की दूरी भी सिमट जाएगी. इलाहाबाद-मुंबई फ्लाइट के फायदे-ट्रेनों में 60 दिन पहले रिजर्वेशन ओपेन होता है, जबकि फ्लाइट में कैलेंडर इयर का रिजर्वेशन मिल जाता है। यानी एक जनवरी को आप 31 दिसंबर का टिकट ले सकेंगे. -आप 30 या 60 दिन पहले टिकट बुक कराते हैं तो फिर करीब चार हजार रुपए का ईजी फेयर आपको मिल जाएगा। अचानक प्लान बनने पर खर्च थोड़ा ज्यादा होगा लेकिन सुविधा तो मिल ही जाएगी. -ट्रेन से इलाहाबाद से मुंबई का सफर 24-25 घंटे में पूरा होता है, फ्लाइट से लगेंगे सिर्फ दो घंटे-मुंबई से वाराणसी और लखनऊ के रास्ते फ्लाइट लेने पर सात घंटे तक का एक्स्ट्रा टाइम लग जाता था जो डायरेक्ट फ्लाइट सेव करेगी -चार दिन चलने वाली फ्लाइट के फेयर को 13 कैटेगरी में डिवाइड किया है।