इतिहास ने खुद को दोहराया, प्रयाग में भगवा छाया
एक सीट पर सिमटी पिछले चुनाव में आठ सीटें जीतने वाली सपा
2012 में विधायक बने जिले के 11 प्रत्याशियों को इस बार मिली करारी हार पिछली बार शून्य पर रही भाजपा गठबंधन के नौ प्रत्याशी जीतेALLAHABAD: ऐसा शायद ही पहले कभी हुआ हो। 2012 में विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचा किसी भी दल का कोई भी प्रत्याशी इस बार विधानसभा में दिखाई नहीं देगा। इलाहाबाद की जनता ने सभी को बाहर कर दिया है। जनता ने इस बार के चुनाव में भाजपा के प्रति वही जनादेश दिया है जो 2012 के चुनाव में सपा को दिया था। जिले की 12 में से नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है। बसपा दो सीटों पर सिमट गई और सपा को इज्जत बचाने के लिए सिर्फ एक सीट मिली। शनिवार को आए चुनाव परिणाम की एक और खास बात यह रही कि शुरुआती रुझान में जो सीन बना वह जिले की सिर्फ चार सीटों पर बीच में चेंज हुआ। बाकी सभी सीटों पर वह जीते जिन्होंने शुरुआत में बढ़त बना ली थी।
कांग्रेस हो गई साफपिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में एक सीट थी। अनुग्रह नारायण सिंह के सहारे पिछले दो चुनावों से कांग्रेस एक सीट पाती रही। इस बार जनता ने अनुग्रह नारायण को भी नकार दिया तो कांग्रेस का अपने चुनाव निशान पर खाता भी नहीं खुला। बारह विधानसभाओं में आठ भाजपा को मिली तो गठबंधन वाले अपना दल ने एक सीट पर बाजी मारी। विरोधी पार्टियों में बसपा को दो और सपा को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा।
शहर की तीनों सीटों पर कब्जा 23 फरवरी को वोटिंग के बाद परिणाम को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन शनिवार को आए परिणाम ने सभी समीकरण उलट कर रख दिए। जिले की बारह विधानसभा सीटों में आठ भाजपा के खाते में गई। भाजपा प्रत्याशियों ने फाफामऊ, फूलपुर, मेजा, बारा, कोरांव समेत शहर की तीनों उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी सीटों पर जीत हासिल की। सोरांव सीट अपना दल के खाते में गई। करछना से सपा और हंडिया व प्रतापपुर से बसपा के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। चुनाव परिणाम ने सपा और कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। बसपा को पिछले चुनाव के मुकाबले एक सीट का नुकसान उठाना पड़ा। किसको मिले कितने वोट 1- विधानसभा- फाफामऊ विनर कैंडिडेट- विक्रमाजीत मौर्य (भाजपा) वोट मिले- 83249 पराजित कैंडिडेट- अंसार अहमद (सपा) वोट मिले- 57254 मार्जिन- 25985 2- विधानसभा- सोरांवविनर कैंडिडेट- जमुना प्रसाद (अपना दल)
वोट मिले- 77814 पराजित कैंडिडेट- गीता देवी (बसपा) वोट मिले- 60079 मार्जिन- 17735 3- विधानसभा- फूलपुर विनर कैंडिडेट- प्रवीण पटेल (भाजपा) वोट मिले- 93912 पराजित कैंडिडेट- मंसूर आलम (सपा) वोट मिले- 67299 मार्जिन- 26613 4- विधानसभा- प्रतापपुर विनर कैंडिडेट- मो। मुज्तबा सिद्दीकी (बसपा) वोट मिले- 66805 पराजित कैंडिडेट- करन सिंह (अपना दल) वोट मिले- 64151 मार्जिन- 2654 5- विधानसभा- हंडिया विनर कैंडिडेट- हाकिम लाल (बसपा) वोट मिले- 72446 पराजित कैंडिडेट- प्रमिला देवी (अपना दल) वोट मिले- 63920 मार्जिन- 8526 6- विधानसभा- मेजा विनर कैंडिडेट- नीलम करवरिया (भाजपा) वोट मिले- 67807 पराजित कैंडिडेट- राम सेवक (सपा) वोट मिले- 47964 मार्जिन- 19843 7- विधानसभा- करछना विनर कैंडिडेट- उज्जवल रमण (सपा) वोट मिले- 80806 पराजित कैंडिडेट- पीयूष रंजन (भाजपा) वोट मिले- 65782 मार्जिन- 15024 8- विधानसभा- इलाहाबाद पश्चिम विनर कैंडिडेट- सिद्धार्थ नाथ सिंह (भाजपा) वोट मिले- 85518 पराजित कैंडिडेट- रिचा सिंह (सपा) वोट मिले- 60182 मार्जिन- 25336 9- विधानसभा- इलाहाबाद उत्तरी विनर कैंडिडेट- हर्ष वर्द्धन (भाजपा) वोट मिले- 89191 पराजित कैंडिडेट- अनुग्रह नारायण (कांग्रेस) वोट मिले- 54166 मार्जिन- 35025 10- विधानसभा- इलाहाबाद दक्षिणी विनर कैंडिडेट- नंद गोपाल नंदी (भाजपा) वोट मिले- 93011 पराजित कैंडिडेट- हाजी परवेज अहमद (सपा) वोट मिले- 64424 मार्जिन- 28587 11- विधानसभा- बाराविनर कैंडिडेट- डॉ। अजय कुमार (भाजपा)
वोट मिले- 79209
पराजित कैंडिडेट- अजय (सपा) वोट मिले- 41156 मार्जिन- 34053 12- विधानसभा- कोरांव विनर कैंडिडेट- राजमणि (भाजपा) वोट मिले- 100427 पराजित कैंडिडेट- राम कृपाल (कांग्रेस) वोट मिले- 46731 मार्जिन- 53696 का सिर्फ डॉ। अजय को मिली लगातार जीत मतदाताओं के रुख ने पांच साल सत्तासीन रहे सपा विधायकों के कार्यकाल पर भी सवालिया निशान लगाने का काम किया। बारा को छोड़ दिया जाए तो सपा का एक भी विधायक अपने कार्यकाल को दोहरा नही पाया। हालांकि, बारा से विधायक रहे डॉ। अजय इस बार भाजपा का दामन थाम चुके थे इसलिए जीत नसीब हो गई। उधर, फाफामऊ से अंसार अहमद, शहर दक्षिणी से हाजी परवेज अहमद, प्रतापपुर से विजय यादव, सोरांव से सत्यवीर मुन्ना, शहर पश्चिमी से पूजा पाल, करछना से दीपक पटेल को हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस से दो बार शहर उत्तरी विधायक रहे अनुग्रह नारायण सिंह भी इस बार हार गए। कुल मिलाकर जनता से किसी विधायक को दोबारा जीतने का मौका (सेम पार्टी से) नहीं दिया।