Allahabad: शहर बदलेगा तब जब हम बदलेंगे. यूथ ने वोटिंग के लिए जिस तरह का उत्साह दिखाया वह कुछ इसी तरह का संकेत था. हालांकि टोटल वोटिंग परसेंटेज शॉकिंग रहा. वोटिंग के लिए पहुंचे यूथ में कुछ का सपना इंजीनियर बनना था तो कुछ का डॉक्टर. कई ऐसे भी थे जिन्होंने माना कि उन्हें सिर्फ स्टडी से ही मतलब है. उन्हें पॉलिटिक्स में कोई दिलचस्पी नहीं है. इसके बावजूद वोट देने के लिए पोलिंग बूथ पर लाइन में नजर आए.आखिर दिलचस्पी न होने के बावजूद वह वोट देने के लिए इतना एक्साइटेड क्यों थे? ये जानने के लिए हमने पोलिंग बूथ में जाकर उनकी राय और मंशा जानने की कोशिश की.


हां, मुझे करियर में बेहतर करना है लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं है कि हम अपना अधिकार भूल जाएं। वोट देना मेरा अधिकार है। अगर हम ही वोट नहीं करेंगे तो आखिर कौन वोट करेगा? अगर सिटी का डेवलेपमेंट चाहिए तो वोट जरूर करना होगा.

-शिवम मिश्रा, अल्लापुर

इलेक्शन ही तो एक मौका होता है जब हमारा डिसीजन ही हमारे देश और सिटी का भविष्य तय करता है। अगर हम वोट नहीं करेंगे तो गुंडा मवाली लोग वोट कर अपने प्रत्याशी को जीता देंगे। इससे हम लोगों का ही नुकसान है। ऐसे में वोट देने से हमारा कल बेहतर होगा.

-कंचन सोनकर, बैहराना

हम हमेशा सिटी के डेवलेपमेंट और करप्शन की बात करते हैं। लेकिन जब वोट देने की बारी आती है तो हम खामोश होकर घर पर बैठ जाते हैं जो गलत है। इस बार मैंने डिसीजन लिया कि वोट जरूर करेंगे। इससे सही आदमी चुना जाए और सिटी का डेवलेपमेंट हो सके.

-ज्योति, बैहराना

वोट देना हमारा अधिकार है। इस वजह से आज मैं वोट देने आई हूं। मैं भी चाहती हूं कि हमारी सिटी दूसरे शहरों से बेहतर हो। करप्शन दूर हो, सड़कें, पानी, बिजली, यातायात की समस्याएं दूर हों, इसलिए वोट देने आए हैं.

-शिवांगी मिश्रा, अल्लापुर

वोट देना मेरा अधिकार ही नहीं हमारा कर्तव्य भी है। मुझे लगता है कि अगर थोड़ा समय निकाल कर हम वोट देते हैं तो इसमें भी हमारा ही भला है। कम से कम आने वाले कल से हमें ये तो शिकायत नहीं होगी कि हमने वोट नहीं दिया था तो ऐसा हुआ.

-अनन्या श्रीवास्तव, तुलारामबाग

Posted By: Inextlive