अक्सर देखा जाता है कि जब ट्रेन प्लेटफॉर्म की ओर आ रही होती है तो पैसेंजर्स नजदीक जाकर खड़े हो जाते हैैं. ऐसे में कई लोग चलती ट्रेन में ही चढऩे लगते हैैं. बरेली में भी चलती ट्रेन पर चढऩे के दौरान कई हादसे हो चुके हैैं. जबकि प्लेटफॉर्म पर पैसेंजर्स की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए &येलो लाइन&य भी बनी होती है. यह इंडीकेट करती है कि ट्रेन प्लेटफॉर्म तक पहुंचने तक पैसेंजर्स को इसके पीछे ही रहना है.

बरेली (ब्यूरो)। अक्सर देखा जाता है कि जब ट्रेन प्लेटफॉर्म की ओर आ रही होती है तो पैसेंजर्स नजदीक जाकर खड़े हो जाते हैैं। ऐसे में कई लोग चलती ट्रेन में ही चढऩे लगते हैैं। बरेली में भी चलती ट्रेन पर चढऩे के दौरान कई हादसे हो चुके हैैं। जबकि प्लेटफॉर्म पर पैसेंजर्स की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए &येलो लाइन&य भी बनी होती है। यह इंडीकेट करती है कि ट्रेन प्लेटफॉर्म तक पहुंचने तक पैसेंजर्स को इसके पीछे ही रहना है।

हादसे को दावत
ट्रेन को किसी भी देश की लाइफ लाइन कहा जाता है। इससे रोजाना करोड़ों की संख्या में पैसेंजर्स सफर करते हैैं। ऐसे में पैसेंजर्स की सेफ्टी भी बहुत जरूरी हो जाती है। इसके लिए रेलवे की ओर से तमाम तरह के सेफ्टी मेजर्स फॉलो किए जाते हैैं। इनमें से ही एक है यलो लाइन। बरेली जंक्शन पर इस तरह के कई केसेस सामने आ चुके हैैं, जिनमे चलती ट्रेन पर चढ़ते पैसेंजर गिरने से हाथ-पैर खो चुके हैैं। कई बार इन हादसों में मौत तक हो जाती है। जीआरपी इंस्पेक्टर अजीत सिंह बताते हैैं कि पैसेंजर्स सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए जंक्शन पर पुलिस तैनात रहती है। साथ ही पैसेंजर्स एड्रेसिंग सिस्टम के माध्यम से भी लोगों को अवेयर किया जाता है।

उभरी होती है यलो लाइन
रेलवे से जुड़े अफसर बताते हैं कि पीली पट्टïी को कई जगह रंग से बनाया जाता है तो कई स्टेशन पर पीली रंग की टाइल्स ही लगा दी जाती हैं। इसका उद्देश्य होता है कि पैसेंजर्स ट्रेन के आने से पहले इस लाइन के पीेछे ही रहें। क्योंकि जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आती है तो वह तेज हवा के प्रेशन से चीजों को अपनी ओर भी खींच लेती है। ऐसे में हादसे से भी बचा जा सकता है। कई जगह यह पीली पट्टïी उभरी हुई होती है, जिससे दृष्टिबाधित पैसेंजर भी इसे महसूस कर नियम मान सकें। बरेली जंक्शन के स्टेशन अधीक्षक भानु प्रताप सिंह बताते हंै कि यलो लाइन से पीछे लगेज रखा जाता है। ताकि उतरने और चढऩे वाले पैसेंंजर्स को परेशानी का सामना न करना पड़े।

केसेस
कुचल गया था पैर
इस वर्ष जनवरी में एक युवती गरीब नवाज एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ते फिसलकर गिर गई थी। इसमें उसका बाया पैर बुरी तरह से कुचल गया था। इसके बाद परिजनों उसे निजी अस्पताल में एडमिट कराया था। घरवालों का कहना था कि युवती गुरुग्राम से एमबीए कर रही थी। वह अपने घर 29 दिसंबर को आई थी और वापस गुरुग्राम जा रही थी।

बाल-बाल बची जान
इस वर्ष मई में जंक्शन पर एक महिला यात्री चलती श्रमजीवी ट्रेन में बच्चे को गोद मे लेकर चढ़ रही थी। तभी उसका पैर फिसल गया और असंतुलित होकर वह ट्रेन की चपेट में आने वाली थी। इस दौरान वहां तैनात जीआरपी सिपाही ने उसे तेजी से अपनी ओर खींच लिया। इससे उसकी जान बच गई। इस घटना का सोशल मीडिया पर वीडियो खूब वायरल हुआ था।

कट गए पैर
मंगलवार शाम को चलती पूर्णागिरी जन शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में चढऩे का प्रयास करता युवक असंतुलित होकर नीचे गिर गया। इससे उसके दोनों पैर कट गए। घायल युवक की पहचान बिशारतगंज के डरूंआपुर निवासी नत्थूलाल के पुत्र राजपाल के रूप में हुई। उसे जिला अस्पताल भिजवाया गया।

Posted By: Inextlive