बरेली ब्यूरो । शहर में पानी का संकट ाले ही आी उतना नहीं है पर आने वाले समय में यह संकट गहराएगा जरूर. इसके पीछे जो वजह है वह चिंता बढ़ाने वाली है. दरअसल अपना शहर ाू-र्गा जल के अति दोहन वाली श्रेणी में शामिल हो चुका है.

बरेली (ब्यूरो)। शहर में पानी का संकट ाले ही आी उतना नहीं है, पर आने वाले समय में यह संकट गहराएगा जरूर। इसके पीछे जो वजह है वह चिंता बढ़ाने वाली है। दरअसल अपना शहर ाू-र्गा जल के अति दोहन वाली श्रेणी में शामिल हो चुका है। इस कारण ग्राउंड वाटर लेवल लगातार गिर रहा है। एक्सपट््र्स की मानें तो हर साल ग्राउंड वाटर लेवल 40-70 सेमी। तक नीचे जा रहा है। इसके बाद पानी को बचाने को लेकर लोगों में अवेयरनेस की ाारी कमी है। जिमेदार ाी कहीं न कहीं इसकी अनदेाी ही कर देते हैं। इस वजह से ाी समस्या बढ़ती जा रही है। हमारे ही देश में बड़ी संया में लोगों को पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे ाी एरियाज हैं जहां दिनार में सिर्फ दो घंटे ही पानी आता है।

कुछ यूं हïोती हïै पानी की बर्बादी
ब्रश करते वक्त
25 लीटर पानी उस समय बर्बाद हो जाता है जब हम नल खुला छोडक़र ब्रश करते हैं। आमतौर पर एक नल से प्रति मिनट पांच लीटर पानी निकलता है और नल खुला छोडक़र 5 मिनट तक ब्रश करते हैं तो 25 लीटर पानी बर्बाद होता है।

हैंडवॉश करते वक्त
नल ाुला छोडक़र हाथ धोने के दौरान 15 से 25 लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। आमतौर पर एक भारतीय रोज 3 से 5 बार हाथ धोता है और हाथ धोने में कम से कम एक मिनट का वक्त लगाता है।

आरओ का इस्तेमाल
3.6 लीटर पानी एक दिन में तब बेकार चला जाता है जब पीने के साफ पानी के लिए आरओ का इस्तेमाल होता है। आरओ एक लीटर साफ पानी के लिए 3 से 4 लीटर पानी बर्बाद करता है।

टॉयलेट यूज करने के दौरान
60-70 लीटर पानी रोजाना शौचालय में एक व्यक्ति लश करने में बहा देता है। एक लश से 10 लीटर पानी की बर्बादी होती है। औसतन एक व्यक्ति दिन में 6 से 7 बार वॉशरूम जाता है।

शावर से नहाने और शेविंग के दौरान
150 लीटर पानी 15 मिनट तक शावर लेकर नहाने में बर्बाद हो जाता है। शावर में प्रति मिनट 10 लीटर पानी निकलता है। 20 लीटर पानी शेविंग के दौरान नल खुला छोड़ देने से बह जाता है।

टंकी से बहता पानी
40 लीटर पानी की बर्बादी उस वक्त हो जाती है जब टैंक भरने के बाद भी रोज 5 मिनट तक मोटर चलती रहती है। एक मिनट में टंकी में 8 लीटर पानी जाता है। 5 मिनट टंकी से पानी बहने का मतलब है 40 लीटर पानी की बर्बादी।

ऐसे बचा सकते हैं पानी
द्यब्रश करते टाइम पानी बेसिन में लगातार न चलने दें
द्यमुंह धोने के लिए एक गिलास में भर लें
द्यशेेविंग करते टाइम बेसिन में पानी जरूरत के अनुसार चलाएं
एक छोटी सी बूंद भी एक दिन में 50 या अधिक गैलन पानी बर्बाद कर सकती है
अपने डिशवॉशर को कम चलाने से पानी और पैसे की बचत होती है
शावर, टब की जगह बाल्टी से स्नान कर सकते हैं
टॉयलेट लश में रेत से भरी बोतल रख सकते हैं
बरसात के पानी को स्टोर कर काम में ला सकते हैं
पौधों को पानी देने के लिए वाटरिंग कैन का प्रयोग
वॉशिंग मशीन में एकसाथ कपड़े धो सकते हैं
सार्वजनिक स्थलों की टोटियां सही करा सकते हैं
कार धोते वक्त पाइप के उपयोग से बच सकते हैं
पौधों पर कम से कम उर्वरक डाल सकते हैं
जानवरों को बगीचे में स्नान करा सकते हैं

नल बंद करके ब्रशिंग-शेेेविंग करें
ब्रश करते वक्त और शेेेविंग करते वक्त नल को खुला रखने की आदत को बदल दें। एक मग में पानी भरकर रखें और ब्रश करने के बाद उसी से कुल्ला करें और मुंह धोएं। शेेेविंग के दौरान भी यही ट्रिक अपनाएं।

कम करें वाशिंग मशीन का यूज
वॉशिंग मशीन में कपड़े धोने के दौरान भी काफी पानी वेस्ट होता है। लिहाजा 1-2 कपड़ों के लिए मशीन न चलाएं। जब इतने कपड़े हो जाएं कि मशीन टब फुल हो जाए तभी वॉशिंग मशीन यूज करें।

पानी बांटने के दौरान बरतें सावधानी
20-25 प्रतिशत पानी शहर में ट्रांसमिशन और बांटने के दौरान बर्बाद हो जाता है। यह पानी पाइपलाइन के जरिए घरों, दतरों और रेस्तरां तक पहुंचता है। पानी की बर्बादी उसके लो और पाइप की मोटाई पर निर्भर करती है। पाइप जितना मोटा होगा, लीकेज से बर्बादी का खतरा भी उतना ही ज्यादा होगा।

ग्राउंड वाटर का अधिक दोहन करना हमारे साी के लिए मुश्किल खड़ी करने वाला है। क्योंकि ग्राउंड वाटर रिचार्ज करना ाी हम साी का काम है ताकि समस्या से बचा जा सके।
राहुल श्रीवास्तव

भू-गर्भ जल विााग को ाी इस पर ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि जब ाू-र्गा जल का अधिक दोहन होगा तो इससे आने वाली पीढ़ी के लिए समस्या होगी।
संजय भदौरिया

Posted By: Inextlive