बरेली : यहां फ्लाईओवर खत्म होते ही मिलेर्गा िडवाइडर
बरेली (ब्यूरो)। सिटी में एक के बाद एक आठ फ्लाईओवर्स बनाए गए हैं। इन पर अगर आप सफर करने निकलें तो सावधानी बरतिएगा, क्योंकि इन पर चढ़ते या उतरते समय जरा सी असावधानी से आप दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। दरअसल अधिकांश फ्लाईओवर पर एंट्री करते और उतरते टाइम आपको बीच राह में डिवाइडर बना हुआ मिलेगा। इससे कई बार हादसे भी हो चुके हैं। सबसे अधिक हादसे का डर लखनऊ से सिटी में एंट्री करने वाले अजनबियों को होता है। फ्लाईओवर से उतरते ही अचानक बीच में डिवाइडर आ जाने से वाहन डिवायडर के ऊपर चढ़ जाता है और हादसा तक हो जाता है। इतना ही नहीं शहर के कई फ्लाईओवर्स तो ऐसे हैं, जहां पर रात को रोशनी की भी व्यवस्था अब तक शुरू नहीं की गई है। इससे राहगीरों को रात के अंधेरे में ही होकर वहां से गुजरना होता है।
सेटेलाइट फ्लाईओवर
सिटी के मेन एंट्री प्वाइंट सेटेलाइट फ्लाईओवर के दोनों एंड पर बीच में डिवाइडर छोड़ दिए गए हैं। इससे लखनऊ की तरफ तेज गति से आने वाले वाहन डिवाइडर पर चढ़ कर हादसे का शिकार हो जाते हैं। यहां पर दो बार लखनऊ की तरफ से तेज गति से आने वाली कार डिवाइडर पर ईसाइयों की पुलिया पर चढ़ गई। इससे डिवायडर पर लगा पोल तक टूट गया, लेकिन गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि कार क्षतिग्रस्त हो गई। यहां पर रोडवेज बसों का भी टर्न लेने से जाम की समस्या बनी रहती है।
लालफाटक रेलवे ओवरब्रिज को बने हुए एक वर्ष बीत चुका है, लेकिन अभी तक अंधेरे में हैं। यहां तक कि फ्लाईओवर पर उतरते और चढ़ते टाइम दोनों ओर ही बीच में डिवाइडर्स हंै। इससे फ्लाईओवर से उतरने वाले वाहन डिवाइडर पर चढऩे का डर बना हुआ है। इतना ही नहीं यहां पर पुल से उतरने वाली जगह पर रोड पर गड््ढे भी हैं, जिससे हादसा होने का डर बना हुआ है। इसके बाद भी जिम्मेदार इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं।
आईवीआरआई फ्लाईओवर
आईवीआरआई फ्लाईओवर को दो तरफ वाई शेप में बनाया है। एक साइड मिनी बाईपास की तरफ जा रहा है, जबकि दूसरा साइड भोजीपुरा की तरफ। अंडरपास भी दोनों तरफ बनाया गया है, लेकिन जो वाहन भोजीपुरा की तरफ जाने वाले हैं और जो भोजीपुरा साइड से आने वाले वाहन हंै, उनके लिए फ्लाईओवर पर आईवीआरआई की तरफ से एंट्री प्वाइंट एक ही है। जहां से भोजीपुरा रूट के लिए एंट्री प्वाइंट है ठीक वहां पर ही मिनी बाईपास की तरफ से आने वाले वाहन उतरते हैं। इससे कई बार हादसा भी हो जाता है।
कुदेशिया फाटक और हार्टमैन रेलवे क्रॉसिंग रेलवे ओवरब्रिज तो बने हुए लगभग 10 साल बीत चुके हैं। यहां पर रेलवे ने अपना हिस्सा अधिक चौड़ा करके बनाया है। खुराफातियों ने उस का स्लैब ही तोड़ दिया है। इससे इस फ्लाईओवर के ऊपर से गुजरने के दौरान अगर कोई पैदल निकलने की कोशिश करेगा तो वह हादसे का शिकार भी हो जाएगा। क्योंकि बीच में टूटे स्लैब से लोग कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। इतना ही नहीं यहां पर कूड़ा और मिट्टी भी लोगों ने डाल दी है। जिम्मेदार दें ध्यान
शहर में फ्लाईओवर तो ठीक बनाए गए हैं, लेकिन खुराफातियों ने इन पर तोडफ़ोड़ करके इन्हें खतरनाक बना दिया है। इनकी देखरेख भी जिम्मेदारों को करानी चाहिए। कुदेशिया फाटक पर फ्लाईओवर घटिया तरीके से बना है। वहां पर सरिया शुरू से ही दिखाई दे रहा है।
फरहीन अंसारी
जो भी फ्लाओवर बनाया गया है, उसके ठीक सामने बीच में ही डिवाइडर बना हुआ है। यह एक नहीं सभी जगह के फ्लाईओवर में समस्या है। यह समस्या दूर होना तो दूर की बात है, वहां पर हादसा होने पर भी कोई देखने वाला नहीं होता है।
ओमवीर