टीचर्स-बीएसए की लड़ाई में बच्चों का नुकसान
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- बीएसए का हर बार एक ही बहाना हो रही है जांच - टीचर्स का कहना, सुरक्षा के बिना कैसे करें ज्वॉइन BAREILLY: टीचर्स और प्रशासन की लड़ाई के बीच बेसिक स्टूडेंट्स का भविष्य संकट में है। उनके भविष्य की चिंता ना तो बीएसए को है और ना ही टीचर्स को। जी हां हम बात कर रहे है दूसरे जिलों से ट्रांसफर होकर आए 416 टीचर्स की। उनमें से करीब 216 टीचर्स ने तो ज्वॉइन कर लिया है, लेकिन अभी भी करीब 200 टीचर्स ऐसे हैं जिन्होंने ज्वॉइन नहीं किया है। उन्होंने अपनी समस्याएं बताकर बीएसए को अवगत करा दिया है, लेकिन बीएसए की अभी तक नींद ही नहीं खुली है। एक ही बहाना, चल रही है जांचदैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने कई बार इस बारे में बीएसए से बात की। हर बार बीएसए से एक ही जवाब मिला कि अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है। टीचर्स की ओर से जो भी समस्याएं बताई गई हैं उनकी जांच चल रही है। ऐसे में सवाल यह कि कब तक बीएसए जांच पूरी कराएंगी, कब ये टीचर्स ड्यूटी ज्वाइन करेंगे और कब स्कूलों में टीचर्स की कमी दूर होगी।
खुद जाकर पूछा कि कहां ज्वाइन करना हैइस मामले में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने उन टीचर्स से बात की। उन्होंने बताया कि हमने तो बीएसए को अपनी जेनुइन समस्या करीब 10-15 दिन पहले ही बता दी थी, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई जवाब ही नहीं दिया है। जब भी बीएसए के पास जाते हैं तो वह कहती हैं कि फाइल डीएम के पास है। जैसे ही कोई आदेश आता है तो बता दिया जाएगा।
बच्चों को कौन पढ़ाए बीएसए और टीचर्स दोनों ही अपनी अपनी जिद पर अड़े हैं। ना तो टीचर्स ज्वॉइन करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं और न ही बीएसए उन्हें किसी दूसरे स्कूल में भेजने को तैयार हैं। ऐसे में अब सवाल यह है कि बच्चों को कौन पढ़ाएगा। करीब आधा शिक्षा सत्र बीत चुका है और बच्चों की पढ़ाई बिल्कुल भी नहीं हुई है। वर्जन टीचर्स ने जो भी समस्याएं बताई हैं उनकी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद उन्हें ज्वाइन करा दिया जाएगा। -तनुजा मिश्रा बीएसए