खादी को लेकर लोगों में उदासीनता अब बीते समय की बात हो गई. गांधी जी के चरखे का यह ब्रांड अब आम से खास लोगों तक पसंद बन चुका है। यही वजह है खांदी भंडार ने कोराना काल में तीन लाख की कमाई तो सिर्फ मास्क से कर डाली।

बरेेली( ब्यूरो)। एक समय था तब खादी को साधारण माना जाता था। फैशन के नाम पर खादी का प्रयोग नहीं किया जाता था, लेकिन वर्तमान समय में फैशन के साथ खादी का क्रेज दिन व दिन बढ़ता जा रहा है। खादी को हर उम्र के लोग पसंद कर रहे हैं। चाहें वह कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स हों या ऑफिस जानेे वाले महिला व पुरुष। कई सालों में इस बार खादी के बिजनेस में रिकार्ड तोड़ मुनाफा हुआ है। हर वर्ष खादी व्यापार में 10 से 12 लाख तक का मुनाफा हुआ करता था। लेकिन इस बार कोरोना के बाद 18 लाख का मुनाफा हुआ। जिसमें सबसे ज्यादा मास्क से 3 लाख का मुनाफा हुआ। कोरोना में सबसे ज्यादा लोगों को खादी के ही मास्क पसंद आए। ये मास्क आज भी लोगों की डिमांड बने हुए हैं। इसके साथ ही जवाहर कट भी लोगों की पसंद बना हुआ है।

इनका है मार्केट में ट्रेंड
वूलन खादी में कश्मीरी शॉल -2300 से 2500 तक
ओवर कोट-2400 सेे 2500 तक
स्वेटर -1000 से 1200 तक
जवाहर कट-1100 से 2000
मंकी कैप-300 से 350
गाउन वूलन वन रेट- 2400


अलग-अलग किस्म की खादी
खादी को सिल्क, वूल और कॉटन के साथ मिक्स भी किया जाता हैै। सिल्क और खादी के वस्त्रों में 50 परसेेंट के अनुपात में मिलाकर बनाया जाता है। इसको मिलाकर फैंसी ड्रेस तैयार किए जाते हैं। जिन्हेें शादी व पार्टी में लोग बड़ेे शौक से पहनते हैं। जिनसे सूट-सलवार, कमीज, लेडीज गाउन तैयार किए जाते हैं।

कॉटन खादी
कॉटन के साथ खादी को मिलाकर एक सॉफ्ट नेेचर का कॉटन खादी तैयार किया जाता है। जिससे तरह-तरह के ड्रेस तैयार किए जाते हैं। इसको लिनेन कहा जाता है। यह खादी का मार्डन रूप है। जो युवाओं को बहुत पसंद आते हैं। इस कॉटन में फैब्रिक मिक्स कर डिजाइनर टॉप वा सूट तैयार किए जाते हैं। जिन्हें लोग गर्मियों में बहुत शौक से पहनते हैं।

सिल्क खादी
खादी के साथ सिल्क मिलाकर एक नया फैब्रिक तैयार किया जाता है, जिसमें चमक होती है। इस फैब्रिक से डिजाइनर गाउन, सूट, टॉप व पार्टी वियर ड्रेस तैयार किए जाते हैं। इससे पुरुषों के भी कुर्ता-पाजामा व इंडो वैस्टर्न ड्रेस तैयार किया जाता है। जो ज्यादातर लोगों को पसंद आता है। इस फैब्रिक की डिमांड त्योहारों पर भी बहुत रहती है।

वूलन खादी
खादी और वुलन को मिक्स करके तैयार वूलन खादी के स्वेटर लोगों की पर्सनैलिटी पर चार चांद लगाते हैं। जिनमें ओवर कोट, नाइट गाउन, मफलर, टोपी, कंबल, जुराबें सभी बनाए जाते हैं। जो लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं। विशेष तौर पर शॉल का इस समय कुछ ज्यादा ही क्रेज है। जवाहर कट की डिमांड रहती है जो युवाओं को खासा पसंद आ रहा है।

डाइंग खादी
जिस कॉटन या खादी पर डाइंग किया जाता है। उसे डाइंग खादी कहते हैं। यह खादी पर तरह-तरह के डिजाइन तैयार किए जाते हैं। जिनसे बैडशीट, पिलो कवर, नॉर्मल चादर, सूट, सौफे कवर आदि तैयार किए जाते हैं। जो लोगों को ज्यादातर पसंद आते हैं। इसकी डिमांड हमेशा एक जैसी रहती है।

जिले में यहां हैं दुकानें
1-नावल्टी चौराहा
2-पंजाबी मार्केट
3-नेकपुर सुभाष नगर मार्केट
4-सीबीगंज
5-फतेहगंज पश्चिमी
6-नबावगंज
7-फरीदपुर
8-बहेड़ी
9-ईसाईयों की पुलिया
10-श्यामगंज

वर्जन
लोगों का क्रेज खादी की तरफ बहुत है। जो लोगों को ट्रेंड बन गया है। कोरोना के टाइम में व्यापार मंदी होने के बाद भी खादी का ट्रेंड बना रहा। जिसमें मास्क लोगों को सबसेे ज्यादा पसंद आए। खादी युवाओंं की भी पसंद बन गया है।
पूर्ण देव तिवारी,

पिछले काफी सालों से लोगों को खादी पसंद आ रही थी। इसके बाद बीच में इसका थोड़ा क्रेज कम हो गया। अब फिर दोबारा खादी ट्रेंड में है। खादी युवाओं को काफी पसंद आ रहा है। जिससे युवा अपने संस्कृति को हमेशा फॉलो करें।
प्रेम शंकर माहेश्वरी, ग्राहक

Posted By: Inextlive