Bareilly : बरेली डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को रिश्वतखोरी की 'बीमारी' लग गई है. कुछ ही दिन पहले एक डॉक्टर पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था. सैटरडे को एक बार फिर ये बात सामने आई जब फीमेल हॉस्पिटल के एक लैब टेक्नीशियन ने महिला पेशेंट से जांच के लिए 100 रुपए मांगे. महिला पेशेंट का रिश्तेदार जो हॉस्पिटल में फोर्थ क्लास इंप्लॉई है के ऑब्जेक्शन पर लैब टेक्नीशियन ने उसे बुरी तरह पीटा. इस दौरान करीब दो घंटे तक हॉस्पिटल में हंगामा हुआ. मामला कोतवाली में पहुंचा वहां समझौता हो गया.


Patient को भगा दियासैटरडे को फीमेल हॉस्पिटल में एक प्रेगनेंट महिला जांच के लिए आई। करीब 12.30 बजे हॉस्पिटल में लैब टेक्नीशियन राम नरेश पटेल ने महिला से जांच के लिए 100 रुपए मांगे। इस पर महिला ने पैसे देने से मना किया, तो आरोपी राम नरेश ने उसे भगा दिया। महिला ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में फोर्थ क्लास इंप्लॉई और उसके रिश्तेदार नेत्रपाल से परेशानी बताई। नेत्रपाल ने राम नरेश से इस पर ऑब्जेक्शन जताया तो उसने नेत्रपाल की सबके सामने बुरी तरह पिटाई कर दी।घटना से भड़के employees


पीटने की खबर से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की फोर्थ क्लास इंप्लॉईज एसोसिएशन के मेंबर्स भड़क गए। मेंबर्स दोनों को लेकर फीमेल हॉस्पिटल की सीएमएस से कंप्लेन करने पहुंचे। नाराज इंप्लॉईज ने आरोपी लैब टेक्नीशियन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं हंगामा बढ़ता देख सीएमएस डॉ। स्नेहलता सिंह अपने ऑफिस से बाहर निकल गईं। इस दौरान हंगामे की सूचना पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस आरोपी लैब टेक्नीशियन और पीडि़त फोर्थ क्लास इंप्लॉई को थाने ले गई। पहला मामला नहीं

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पेशेंट्स से रिश्वतखोरी के आरोप नए नहीं हैं। 6 दिन पहले ओपीडी में चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। वीपी भारद्वाज पर एक बीएसएफ जवान और एक लड़की ने मेडिकल बिल पर सिग्नेचर करने और इलाज करने के लिए पैसे लेने के आरोप लगाए। सीएमएस डॉ। आरसी डिमरी ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था।जांच के लिए रोज उगाहीफीमेल हॉस्पिटल के स्टाफ और वहां मौजूद पेशेंट्स ने जांच के लिए रोजाना पैसे लिए जाने की बात एक्सेप्ट की। पेशेंट्स का कहना है कि आरोपी लैब टेक्नीशियन जांच के लिए 40-100 रुपए तक की वसूली करता है। वहीं पैसे ना देने वालों का नंबर आने के बावजूद उनकी पर्ची सबसे नीचे रख देता है। कुछ पेशेंट्स ने कहा कि कई बार सुबह से लाइन में खड़े होने के बावजूद दिन बीत जाने तक नंबर नहीं आता। वहीं कंप्लेन करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती। इसलिए मजबूरी में पैसे देकर जांच करानी होती है।'आरोपी लैब टेक्नीशियन के खिलाफ इंक्वॉयरी शुरू की है। जांच में दोषी पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट एडी हेल्थ को सौंपी जाएगी। हालांकि पेशेंट ने आरोपी की ओर से पैसे नहीं बल्कि अगले दिन बुलाने की बात कही है.' -डॉ। स्नेहलता सिंह, सीएमएस

Posted By: Inextlive