Bareilly : मंडे का दिन शहर के कई मासूमों के लिए मुसीबत बनकर आया. क्रिसमस और ठंड के चलते एक महीने से ज्यादा बंद रहे पांचवी तक के स्कूल मंडे को खुल तो गए पर इससे बच्चों और उनके पेरेंट्स को काफी प्रॉŽलम हुई. पेरेंट्स के लिए अपने नन्हें मुन्नों को स्कूल के लिए तैयार करना किसी जंग से कम न रहा. खराब मौसम और कोहरे में बच्चों को स्कूल जाने के लिए मनाने में पेरेंट्स के ठंड में भी पसीने छूट गए. रोते बच्चों को बहलाते हुए कई पेरेंट्स को खुद उन्हें स्कूल पहुंचाने जाना पड़ा.


लग गई छुट्टियों की लतक्रिसमस पर 25 दिसंबर से स्कूल्स में छुट्टियों की शुरुआत हो गई थी। खराब मौसम और ठंड के चलते डीएम ने चार बार स्कूल्स को बंद रखने का आदेश जारी किया था। इसकी सबसे ज्यादा मौज पांचवी क्लास तक के बच्चों ने उड़ाई। एक महीने से ज्यादा समय तक घर पर विंटर को एंज्वॉय करने के बाद बच्चों छुट्टियों की लत लग गई। ऐसे में मंडे को सुबह स्कूल जाना इनमें से ज्यादातर बच्चों के लिए किसी नाइटमेयर से कम न था। किसी का रोना, किसी का बहाना


छुट्टियों के दौरान सवेरे देर तक सोने के शौकीन बच्चों को मंडे करीब 7 बजे अपनी नींद खराब करनी पड़ी। पेरेंट्स के उन्हें जगाने और स्कूल के लिए तैयार कराने पर कईयों ने रोना शुरू कर दिया। पेरेंट्स ने बताया कि स्कूल जाने के नाम पर जहां कुछ ने नींद के बहाने गिनाए तो कई देर तक नहलाने और ठंड में बाहर भेजने पर रोते रहे, जिससे कि उन्हें जबरदस्ती स्कूल भेजने की मेहनत खत्म कर दी जाएं।स्कूल से ली खबर

मंडे को स्कूल्स का खुलना बच्चों के साथ ही उनके पेरेंट्स के लिए भी सिरदर्दी से कम न रहा। एक दिन पहले रिपŽिलक डे के चलते मंडे को न्यूजपेपर्स भी नहीं आए। ऐसे में कई पेरेंट्स ने खराब मौसम की आशंका में स्कूल्स को फोन कर छुट्टी के बारे में जानकारी मांगी। वहीं कई पेरेंट्स पहले स्कूल ही हो आए। हालांकि पेरेंट्स को स्कूल बंद होने के कारण काफी कोर्स छूटने की भी ज्यादा चिंता सता रही थी।'एक महीने बाद छुट्टियां खत्म हुई। ऐसे में बच्चों ने स्कूल जाने के लिए खूब आनाकानी की। ठंड भी बहुत थी, ऐसे में बच्चें बार बार रजाई में घुसकर स्कूल ना जाने की जिद करते रहे.' -रजनी अग्रवाल, पेरेंट

Posted By: Inextlive