बोलेरो की सीलिंग में डेढ़ करोड़ की चरस
-फतेहगंज पश्चिमी में एसटीएफ और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स की टीम ने पकड़ी 153 किलो चरस
BAREILLY: यूपी एसटीएफ ने नशीले पदार्थ की खेप पकड़ने के मामले में अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी हासिल की है। बरेली यूनिट ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स के साथ मिलकर फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा के पास 153 किलो ग्राम चरस के 153 पैकेट बरामद किए हैं। चरस को बोलेरो की सीलिंग में कैविटी बनाकर लाया जा रहा था। चरस की अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए है। चरस को वेस्टर्न यूपी, दिल्ली, हरियाणा व उत्तराखंड में सप्लाई करना था। महाराजगंज से लाए थे चरसएसटीएफ की गिरफ्त में आए तस्करों की पहचान मुजफ्फर नगर निवासी नितिन कुमार, महबूब व उसकी पत्नी शहनाज के रूप में हुई है। बरेली एसटीएफ के प्रभारी इंस्पेक्टर अजय कुमार को सूचना मिली थी कि नेपाल बॉर्डर से यूपी के महाराजगंज से फरेंदा होते हुए अवैध चरस की सप्लाई होनी है। चरस को मुजफ्फनगर के मीरापुर में सप्लाई किया जाना है। इसी सूचना पर फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा पर दबिश देकर बोलेरो को पकड़ लिया गया। बोलेरो में लाइट लगाने के बहाने सीलिंग में कैविटी बनाई गई थी। जब कैविटी को ओपन किया गया तो इसमें 153 पैकेट चरस के मिले।
तस्करों की साथ एक महिला
पूछताछ में तस्करों ने बताया कि बोलेरो मीरापुर के रहने वाले अमित धारीवाल की है। अमित सरकारी ठेके लेता है। उसने 7 नवंबर को ही नई बोलेरो खरीदी थी। उन्हें अमित ने ही नेपाल बॉर्डर के महाराजगंज से चरस लाने के लिए भेजा था। वहां पर वे होटल में रुके थे। यहीं पर संजय नाम के युवक ने बोलेरो में पैकेट लोड किए थे। उन्हें माल पहुंचाने के लिए प्रति पैकेट 1 हजार रुपए मिलने थे। महबूब अपनी पत्नी शहनाज को बोलेरो में इसलिए लेकर आ रहा था कि ताकि कोई समझे कि पति-पत्नी जा रहे हैं। यदि पुलिस पकड़ेगी तो बता देंगे कि पत्नी बीमार है। यूपी एसटीएफ की बरेली यूनिट ने अवैध नशीले पदार्थ की सबसे बड़ी खेप पकड़ी है। बोलेरो की सीलिंग से 153 किलो चरस बरामद हुई है। इसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत करीब डेढ़ करोड़ है। प्रशांत कुमार प्रसाद, एएसपी एसटीएफ बरेली