Bareilly : बीटेक स्टूडेंट ने अपनी मां के साथ मिलकर 10 लाख रुपए की ठगी की. दोनों ने फर्जी मां-बेटा बनकर फर्म तक खोल ली. मामला तब खुला जब बैंक ने लोन चुकाने का एड निकाला और उस लेडी ने पढ़ा जिसका नाम मां-बेटे ने यूज किया था. एफआईआर के 6 महीने बाद पुलिस ने स्टूडेंट को अरेस्ट कर लिया है. पुलिस ने मंडे को उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया. हालांकि शुरुआत में पुलिस ने एफआईआर में आरोपी का नाम सोमिल की जगह शोमायल व रकम 1 करोड़ लिख दी थी लेकिन केस डायरी में इसे ठीक कर दिया गया.


काफी दिन से था फरारपुलिस गिरफ्त में आए शातिर आरोपी का नाम सोमिल है। वह फाइक इंक्लेव, बारादरी का रहने वाला है। उसकी मां का नाम शायरा परवीन है। सोमिल ने पुलिस के सामने अपना गुनाह मान लिया है। पुलिस उसकी मां और बैंक कर्मी की भी तलाश कर रही है। केस के आईओ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सोमिल काफी दिनों से फरार था। एफआईआर में उसका असली नाम नहीं था, इसलिए काफी दिक्कत हुई।ऐड निकला तो पता चला
16 अप्रैल को एसपी सिटी के आदेश पर कोतवाली में शोमायल और उसकी मां शायरा परवीन के नाम धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई थी। प्रेमनगर की अरफा खातून ने एसपी सिटी को एप्लीकेशन दी कि फरवरी में एक न्यूज पेपर में सिविल लाइंस स्थित इंडियन बैंक द्वारा लोन वापसी का एड निकाला गया, जिसमें उनका नाम है। उन्होंने बैंक में पता किया तो सही जवाब नहीं मिला। उन्हें पता चला कि शोमायल और उसकी मां ने यह काम किया है। दोनों उनके दूर के रिश्तेदार हैं। उन्होंने फर्जी डॉक्यूमेंट्स तैयार किए और उनका फोटो इस्तेमाल किया। शायरा ने उनकी जगह अपना नाम यूज किया और शोमायल को बेटा बना दिया। कागजों में मैसर्स रॉयल इंटरप्राइजेज नाम की फर्जी फर्म भी दिखा दी। शायरा बेटे को लोन दिलाने के लिए जमानती बन गई। यह काम बैंक स्टाफ की मिलीभगत से किया गया।

Posted By: Inextlive