निशा मुख काल में होलिका दहन फलदायक
- भद्रा, प्रतिपदा, चतुर्दशी तिथि का नहीं लगेगा ग्रहण, शाम को होगा होलिका दहन
- भद्रा, प्रतिपदा, चतुर्दशी तिथि का नहीं लगेगा ग्रहण, शाम को होगा होलिका दहन BAREILLY: BAREILLY: ज्योतिष शास्त्र मुहूर्त के मुताबिक इस वर्ष निशा मुख में होलिका दहन किया जाएगा। इस बार भद्रा का मान सामान्य यानि भद्रा रहित समय में होलिका दहन किया जाएगा। जबकि पिछले वर्षो में भद्रा काल होने की वजह से होलिका दहन का समय रात 9 बजे के बाद होता था। इस बार शाम सवा म् बजे के बाद चतुर्दशी तिथि, प्रतिपदा और सूर्यास्त सभी खत्म हो जाएंगे, जो कि ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक शुभफलदायक है। होलिका दहन की पूजाहोलिका पास जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ कर पूजन करना चाहिए। बड़कुले की मालाएं होलिका को समर्पित करें। कच्चे सूत की तीन या सात परिक्रमा करते हुए होलिका से लपेटे। फिर लोटे का शुद्ध जल व अन्य पूजन की सभी वस्तुएं चढ़ाएं। पूजन के बाद जल से अर्ध्य दें और सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होलिका में अग्नि प्रज्ज्वलित करें। सार्वजनिक होली से अग्नि लाकर घर में बनाई गई होली में अग्नि प्रज्ज्वलित करें। मान्यता है कि होली की बची हुई अग्नि और राख अगले दिन घर में लाने से अशुभ शक्तियों से राहत मिलती है।
ग्रह शांति के लिए मंत्र जाप होलिका दहन से पूर्व नवग्रह की लकडि़यां एकत्रित करके होली की परिक्रमा करते हुए मंत्रजाप कर क्रमानुसार उन्हें होलिका में डाल देना चाहिए। सूर्य - ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: चन्द्र - श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्राय नम: मंगल - क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: बुध - ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: गुरू - ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: शुक्र - द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: शनि - प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: राहू - भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: ध्यान रखने योग्य बातें - होली की सुबह हींग के पानी से मुख शोधन करें - अपना पहना हुआ वस्त्र, रूमाल किसी को न दें - होली से पहले पितरों का स्मरण जरूर करें - होलिका में अपने पर से लौंग वारकर होली की अग्नि में डालें - होली की अग्नि को घर में लाकर गुग्गल डालकर पूरे घर में घुमाएं होलिका दहन मुहूर्त श्रेष्ठ - शाम म्.क्7 बजे से 7.0भ् बजे तक सामान्य - शाम म्.क्7 बजे से प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा रात 8.ख्ब् बजे तकइस वर्ष होलिका दहन में किसी प्रकार के अशुभ संयोग नहीं है। सभी सामूहिक रूप से हर्षोल्लास के माहौल में होलिका दहन करें।
पं। राजीव शर्मा, ज्योतिषाचार्य