बरेली में जापानी बुखार के पांच मरीज मिलने से हड़कंप, ऐसे करें बचाव
-एक्यूट इंसेफेलइटिस सिंड्रोम (एईएस) की लखनऊ से रिपोर्ट आई पॉजिटिव
-डीएम ने मलेरिया डिपार्टमेंट को किया अलर्ट 2 जुलाई से 31 तक चलेगा विशेष अभियानBAREILLY : बरेली में जापानी इंसेफेलाइटिस के फर्स्ट स्टेज के पांच मरीजों की पहचान हुई है। इनका इलाज लखनऊ केजीएमसी व अन्य हॉस्पिटलमें चल रहा है। पिछले दिनों बुखार आने पर इनमें से तीन पेशेंट को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जिनका ब्लड सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था। जबकि दो पेशेंट इलाज कराने सीधे लखनऊ पहुचं गए थे.रिपोर्ट में पाया गया कि सभी पेशेंट एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम 'एईएस' से पीडि़त हैं। इसे जेई की शुरुआत माना जाता है। रिपोर्ट मिलने के बाद बरेली स्वास्थ्य महकमा के होश उड़ गए। डीएम ने तत्काल अलर्ट जारी करते हुए डॉक्टर्स को सजग रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, पब्लिक को अवेयर करने के लिए भी कहा है।
20 बेड का स्पेशल वार्ड
जेई अलर्ट के बाद एक्शन मोड में आए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने सुविधाओं से लैस स्पेशल वार्ड बना दिया है। 20 बेड के इस वार्ड में जेई और डेंगू के पेशेंट को भर्ती किया जाएगा। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सीएमओ ने सीएमएस केएस गुप्ता को अलर्ट किया। डॉ। धर्मेन्द्र को नोडल अधिकारी और डॉ। वागीश को भी जिम्मेदारी सौंपी गई। ये डॉक्टर जेई या फिर डेंगू के मरीज आने पर ऑन कॉल हर वक्त मौजूद होंगे। सभी बेड पर मच्छरदानी भी लगाई गई है। वार्ड में मरीजों को दवा के साथ अन्य मिलने वाली सुविधाएं भी अर्जेट तौर पर उपलब्ध होंगी। हॉस्पिटल ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है।
दो मरीज लखनऊ में करा रहे इलाजस्वास्थ्य विभाग की माने तो तीन मरीजों का सेंपल बरेली डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से लखनऊ निदेशालय लैब को भेजा गया था। जिसमें से तीन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि दो मरीज नवाबगंज के लखनऊ में इलाज करा रहे हैं उनकी भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने बताया कि जेई और एईएस के पॉजिटिव मरीज पाए जाने पर निदेशालय संबधित डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को रिपोर्ट भेजता है ताकि स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो सके। यहां से मिले एईएस के मरीज2-नवाबगंज1-क्यारा1-भमोरा 1-भुता रोग के लक्षण-अचानक तेज बुखार-तेज सिदर्द-शरीर का अकड़ना-अर्द्ध बेहोशी-शरीर में झटके लगना-मिचली व उल्टी आना,
-नोट: रोग की सही समय पर जांच व इलाज नहीं किया जाए तो इस रोग में मरीज की मौत अथवा किसी अंग से दिव्यांग भी हो सकता है।
बचाव:-मच्छरों से बचाव को मच्छरदानी और फुल आस्तीन शर्ट पहने-स्कूल गोइंग बच्चों को जूते मोजे व पूरी आस्तीन की शर्ट पहनाएं-घरों के आसपास जलभराव न होने दें-सुअर बाड़ों को घरों के अंदर न बनाए, उनको जालीदार बाड़ों में रखे-रात में शरीर पर मॉस्कीटो रिपेलेंट क्रीम, सरसों का तेल लगाकर सोएं-मच्छरों को भगाने के लिए नीम पत्ती का धुआं करें।-जलभराव वाली जगह पर जला मोबिल, मिट्टी का तेल की कुछ बूंदे डाले-जल निकास व नालियों को साफ रखें-किसी में लक्ष्ण पाए जाए तो तुरंत उसे सरकारी हॉस्पिटल ले जाएं क्या न करें-रोगी का इलाज सही समय पर सही डॉक्टर से कराएं, इधर-उधर झोलाछाप या फिर नीम हकीम के पास टाइम खराब न करें-घर में सुअर पालन पशु और बतख पालन न करे-जलभराव न होने दे मलेरिया से बचाव के लिए 2 जुलाई से विशेष संचारी माह 31 जुलाई तक शुरू किया जा रहा है। इसके लिए दूसरे डिपार्टमेंट का भी सहयोग लिया जाएगा। जिसमें मच्छर रोकथाम, स्वच्छता, शुद्ध पेयजल और जागरुकता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ, बरेली