वायरस को हराने में मेडिकल साइंस कैपेबल
-एसआरएमएस में यूपी-यूके माइक्रोकान 2020 में एक्सपर्ट्स ने रखी राय
-एक्सपर्ट्स ने कहा, अवेयरनेस से बीमारियों को किया जा सकता है कंट्रोल बरेली: यूपी-यूके माइक्रोकान 2020 का थर्सडे को एसआरएमएस मेडिकल कालेज में इनॉग्रेशन हुआ। जिसमें बरेली के साथ अदर डिस्ट्रिक्ट के एक्सपर्ट्स के साथ माइक्रोबायोलॉजी के स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया। समिति सक्रेटरी डॉ। राहुल कुमार ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने वायरस और बैक्टीरिया डिसीज पर चिंता जताई। कहा कि अगर हम अवेयर हों तो ऐसी बीमारियों को काफी हद तक कंट्रेाल किया जा सकता है। आज मेडिकल साइंस इसमें हराने में पूरी तरह से सक्षम है। एसआरएमएस में ही ऐसी सभी बीमारियों के इंफेक्शन की जांच मात्र दो घंटे में करने में सक्षम हैं। दो घंटे में इलाज संभवतीन दिवसीय यूपी-यूके माइक्रोकान 2020 के पहले दिन स्टूडेंट्स ने एसआरएमएस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की विश्व स्तरीय मशीनों की जानकारी ली। साथ ही विशेषज्ञ इंजीनियरों के साथ मशीनों पर स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी, इंफ्यूंजला की जांच प्रक्रिया देखी। इस दौरान एक्सपर्ट्स ने बताया कि दिमागी बुखार, चेस्ट इंफेक्शन की वजहों का पता दो घंटे में लगाया जा सकता है। रेसिस्टेंट टीबी के मरीजों की पहचान कर समाज में इसे फैलने से रोका जा सकता है। कांफ्रेंस में आगरा, बरेली, लखनऊ, सीतापुर अलीगढ़, केजीएमयू लखनऊ, जयपुर, हल्द्वानी, मुरादाबाद, हैरिटेज आईएमएस वाराणसी, जीएमसी बदायूं, संजय गांधी आईएमएस लखनऊ से आए प्रतिभागी वर्कशाप में शामिल हुए।