-केसीएमटी में जलवायु परिवर्तन को लेकर हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी

बरेली: खंडेलवाल कॉलेज के लाइफ साइंस डिपार्टमेंट की ओर से पांचवीं राष्ट्रीय विचार गोष्ठी जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली पर्यावरणीय दुर्दशा पर प्रभावी परिचर्चा का आयोजन किया गया। चीफ गेस्ट आरयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर वीपी सिंह, प्रोफेसर एसपी सिंह, आईवीआरआई के सीनियर साइंटिस्ट डॉ। राजेंद्र सिंह ने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि जलवायु में होने वाले विनाशकारी परिवर्तन अच्छे संदेश नहीं दे रहे हैं। यही वजह है कि प्राकृतिक त्रासदी ने पूरे विश्व को अपने प्रकोप में ले रखा है। ऑस्ट्रेलिया में फैली आग और चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस ऐसी ही विनाशकारी आपदा ग्लोबल असुरक्षा को जन्म दे रहा है क्योंकि मानव ने अभी भी प्रकृति से खिलवाड़ करना बंद नहीं किया है।

प्लांटेशन करना जरूरी

वक्ताओं ने कहा कि प्रकृति की विनाश लीला को रोकने के लिए सघन वृक्षारोपण, पेड़ों का कटान रोकना, जल संरक्षण जरूरी है। एयर कंडिशनर से निकलने वाली घातक सीएफसी गैस के प्रभाव भी काफी विध्वंसकारी हैं। वाहनों के धुएं और निर्माण कार्यो से उड़ती धूल ने देश की आबादी को मौत के मुंह पर खड़ा कर दिया है। इस अवसर पर एनआरए एनजीओ ने पर्यावरणविद् डॉ। आलोक कुमार खरे को प्रकृति मित्र अवॉर्ड से नवाजा। इस दौरान प्रिया सक्सेना, डॉ। अमरेश कुमार, गिरधर गोपाल, डॉ। आरके सिंह, डॉ। सौरभ कुमार आदि रहे।

Posted By: Inextlive