पुलिस की बदसलूकी भी अब हीनियस क्राइम
-विद्युत तार चोरी, 1 लाख से अधिक चोरी समेत 21 मामले हीनियस क्राइम में होंगे शामिल
-डीजीपी ने सभी जिलों को हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग सिस्टम में केस फीड करने का दिया आदेश BAREILLY: पुलिस को संवेदनशील और एक्टिव बनाने के लिए डीजीपी के निर्देश पर पुलिस महकमे ने एक बड़ा कदम उठाया है। लूट, हत्या डकैती के साथ-साथ पुलिस कस्टडी में मौत, पब्लिक से बदसलूकी समेत 21 अन्य केस को हीनियस अपराध में शामिल किया गया है। इन केस को हीनियस केस में शामिल करने की मेन वजह है कि पुलिस ढंग से काम करे। ताकि पब्लिक चैन ले सके। इसमें एक खास बात यह भी है कि इसकी मॉनीटरिंग डिस्ट्रिक्ट से लेकर लखनऊ तक होगी। इससे तो यह साफ है कि यदि पुलिस ने किसी मामले को हल्के में लिया तो उन्हें भारी पड़ जाएगा। नहीं कर पाएंगे मिसबिहेवयह अक्सर देखा जाता है कि थाने में लोग चोरी आदि क्राइम की शिकायत लेकर पहुंचते हैं तो उन्हें पुलिस की बदसलूकी से दो चार हो पड़ता है। इस नाते बहुत से लोग थाने जाते भी नहीं है। इसलिए हीनियस क्राइम में पब्लिक से मिसबिहेव जैसे केस को भी शामिल किया गया है। ताकि पुलिस पब्लिक से बदसलूकी न करे और अपनी ड्यूटी को ठीक ढंग से अंजाम दे। इसके अलावा हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग सिस्टम में बिजली तार चोरी, तीन लाख से अधिक की चोरी, 10 लाख से अधिक का गबन को भी शामिल किया गया है।
डीजीपी जता चुके हैं नाराजगी पुलिस की कार्य प्रणाली से हम सभी वाकिफ है। जाहिर है डीजीपी भी इससे अंजान नहीं होंगे। शायद इसलिए उन्होंने इस संबंध में सभी जिलों की पुलिस को सख्त निर्देश जारी किए हैं। ताकि वह हीनियस क्राइम में शामिल मामलों पर ज्यादा चपलता से काम करें। हालांकि हीनियस क्राइम में तमाम केस को शामिल करने के बाद कई जिलों ने इसकी फीडिंग ऑनलाइन नहीं की थी। इसके चलते डीजीपी ने नाराजगी जताई थी। आलाधिकारी करते हैं मॉनिटरिंगदरअसल जघन्य अपराधों की एंट्री पुलिस के हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग सिस्टम साफ्टवेयर में की जाती है। इसके तहत ही पुलिस हेडक्वार्टर, जोन, रेंज व जिला स्तर पर इन केसेस की विवेचना की मॉनिटरिंग की जाती है। हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग सिस्टम में पहले मर्डर, डकैती, लूट, व अन्य अपराधों को शामिल किया जाता था, लेकिन अब इनके अलावा भी कई अन्य अपराधों को भी जघन्य अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है तो जाहिर है कि आलाधिकारी मॉनीटरिंग करेंगे तो थानों की पुलिस केस की ठीक ढंग से विवेचना करेगी और पीडि़त जल्दी न्याय मिलेगा।
ये केस होंगे शामिल 1- डकैती 2- लूट, जिसमें किसी व्यक्ति मौत हो जाए, कोई शस्त्र लूटा गया हो, एक लाख या उससे अधिक संपत्ति की लूट या बैंक के अंदर या फिर बैंक से रकम ले जाते वक्त लूट। 3-हत्या, यौन हमला, बलवा व आगजनी, जिसमें एससी, एसटी का पीडि़त हो। 4-गिरोह बनाकर वारदातों को अंजाम देना। 5-हत्या के सभी क्राइम। 6-दहेज हत्या 7-पुलिस कस्टडी से फरार होना 8-फिरौती के लिए अपहरण 9-रोड होल्डअप 10-पुलिस कस्टडी में मौत 11-शस्त्र व गोला बारूद की दुकान में चोरी 12-क्रिमिनल अमेंडमेंट लॉ 2013 के सभी अपराध 13-भीड़ पर पुलिस बल प्रयोग में मौत 14-पुलिस का मिसबिहेव 15-एक लाख या उससे अधिक के जाली नोट बरामद होना 16-विद्युत तार व ट्रांसफार्मर चोरी 17-तीन लाख रुपए से अधिक की चोरी 18-10 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी 19-एसिड अटैक 20- किडनैपिंग जिनमें 45 दिन में अपहृत की बरामदगी न हुई हो 21-लोकहित या अन्य शिकायत पर जातीय, साम्प्रदायिक व राजनीतिक झगड़े।