प्रेग्नेंसी अबॉर्शन का खुल्ला बाजार
-मिजोप्रोस्ट दवा प्राइवेट डॉक्टर की एडवाइज पर ही देने का है प्रावधान
-आने वाले किसी भी व्यक्ति को बिना पूछताछ के केमिस्ट दे रहे दवा BAREILLY। प्रेग्नेंसी अबॉर्शन की दवा शहर के हर मेडिकल शॉप पर आसानी से अवेलेबल है, जहां डॉक्टर के बिना प्रिस्क्रिप्शन के इस प्रतिबंधित दवा की बिक्री की जा रही है। इस बात का खुलासा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ, जब कोतवाली के पास स्थित कुलदीप मेडिकल एजेंसी पर डॉक्टर का पर्चा मांगे बगैर दवा दे दी गई। शेड्यूल कैटगरी में आती है दवामार्केट में धड़ल्ले से बिक रही मिजोप्रोस्ट दवा शेड्यूल कैटगरी में आती है। जिसके बिना किसी गाइनकोलॉजिस्ट के नहीं दी जा सकती। इस दवा को मेडिकल स्टोर ओनर को एक्सल शीट पर मेंटेन करना जरूरी होता है। लेकिन बिना पर्चे के बेचने पर ये लोग इसे किसी भी एक्सल शीट पर मेंटेन नहीं करते और आने वाले लोगों से मनचाहे रुपये वसूलते हैं। दवा खरीदने वाले भी लोगों की नजरों में आने से बचने के लिए बिना कोई बहस किए रुपये देकर चले जाते हैं। ऐसे में, मेडिकल स्टोर वाले ऐसी दवाओं को बेचकर मोदी कमाई कर रहे हैं।
दवा के दुष्प्रभाव- -ब्लीडिंग -इनकम्प्लीट अबॉर्शन -गंदे पानी का स्राव -दवा के प्रयोग के बाद असहनीय दर्द-लगातार खुजली होना
-बेबी ट्यूब ब्लॉक हो जाना -लिकोरिया हो जाना -अजीवन प्रेग्नेंसी न हो पाना रिपोर्टर से मेडिकल ओनर की बातचीत- रिपोर्टर- भाई साहब वो किट दे दीजिए केमिस्ट- कौन सी रिपोर्टर- तीन माह वाली केमिस्ट- तीन माह की नहीं दो माह की आती है रिपोर्टर- तो दो माह वाली दे दीजिए केमिस्ट- ये लो बढि़या कंपनी की है रिपोर्टर- इसको खाते कैसे हैं केमिस्ट- इसे ऐसे रिपोर्टर- ओके केमिस्ट- और कुछ रिपोर्टर- नहीं, कितनी की है ये केमिस्ट- 350 रुपये की रिपोर्टर- कुछ कम कर दीजिए केमिस्ट- नहीं मैंने आपको बिल्कुल सही रेट बताए हैं रिपोर्टर- ठीक है दे दीजिए मिजोप्रोस्ट दवाएं शेड्यूल कैटेगरी में आती हैं। इन्हें बिना गाइनकोलॉजिस्ट के प्रिस्क्रिप्शन के बगैर नहीं बेचा जा सकता है। यदि कोई मेडिकल स्टोर वाला ऐसा कर रहा है तो उसका लाइसेंस सस्पेंड करने की कार्रवाई की जाएगी। गुलशन सेतिया, सहायक आयुक्त औषधि प्रेग्नेंसी में अबॉर्शन की दवा का प्रयोग बिना गाइनकोलॉजिस्ट की सलाह के नहीं करना चाहिए। अन्यथा, अधिक ब्लीडिंग से जान भी जा सकती है। कई बार अबॉर्शन इनकम्प्लीट रह जाता है, जिससे भी जान का खतरा बढ़ जाता है। डॉ। शालिनी, गाइनकोलॉजिस्ट, हिंद हॉस्पिटल