लूट के काउंटर बने रेलवे के निजी टिकट घर
- नाइट और सुपरफास्ट के नाम पर भी होती है यात्रियों से अवैध वसूली
BAREILLY: इलाहाबाद निवासी लाल शिखरेंद्र प्रताप सिंह किसी काम से बरेली आए हुए थे। एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले शिखरेंद्र मंडे को कानपुर जॉब पर लौट रहे थे। उन्होंने स्टेशन रोड स्थित निजी काउंटर से जनरल टिकट लिया। बरेली से कानपुर का 105 रुपए हुआ, लेकिन काउंटर पर तैनात कर्मचारी ने शिखरेंद्र से 110 रुपए मांगे। विरोध करने पर कर्मचारी का कहना था कि इतने ही रुपए देने होंगे। ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी में शिखरेंद्र ने ज्यादा विरोध नहीं किया और 110 रुपए देकर ट्रेन पकड़ने के लिए जंक्शन की ओर दौड़ पड़े। 10 रुपए तक एक्स्ट्रा वसूलीयह किसी एक निजी काउंटर का हाल नहीं हैं। बल्कि स्टेशन रोड पर चल रही सभी काउंटर्स का एक ही हाल है। दिन-रात शिखरेंद्र जैसे हजारों यात्रियों से अवैध वसूली हो रही हैं। स्टेशन रोड, मालगोदाम रोड, सुभाषनगर, कचहरी सहित अन्य जगहों पर खुले पर यह खेल चल रहा हैं। रेलवे ने प्रति टिकट 1 रुपए कमीशन तय किया है, लेकिन यात्रियों ने 5 और 10 रुपए की वसूली की जा रही है।
अवैध वसूली का खेल लाखों मेंबरेली में एनआर 10 लोगों को लाइसेंस दिया है। इन काउंटर्स से रोजाना 9 हजार जनरल टिकट की बिक्री होती हैं। महीने में 2.70 लाख टिकट निजी काउंटर्स से बिकते हैं। 5 रुपए के हिसाब से देखा जाए तो 1,350,000 रुपए की अवैध वसूली निजी काउंटर्स के कर्मचारी कर रहे हैं। सबसे अजीब बात यह है कि कर्मचारी अवैध वसूली का नया फंडा अपना लिया है। रात में टिकट बिक्री पर 5 रुपए एक्स्ट्रा लेते हैं, तो सुपरफास्ट ट्रेन के टिकट के लिए 15 रुपए अधिक लेते हैं।
बॉक्स जनरल टिकट बुकिंग सर्विस - 10 जेटीबीएस हैं। - 9 हजार टिकट की बिक्री डेली। - 2,70,000 टिकट की हर महीने बिक्री। - 5 रुपए के हिसाब से 1,350,000 रुपए की अवैध वसूली। रेलवे काउंटर - 20 हजार टिकट की बिक्री डेली। - 6 लाख हर महीने टिकट की बिक्री। - 15 लाख रुपए डेली टिकट की बिक्री से राजस्व प्राप्त। - 45 करोड़ हर महीने टिकट की बिक्री से राजस्व प्राप्त। जब भी कोई शिकायत आती है, निजी काउंटर संचालकों पर 500 रुपए की पेनॉल्टी लगाई जाती है। कई बार औचक निरीक्षण कर कार्रवाई भी की गई है। दिलीप श्रीवास्तव, बुकिंग सुपरवाइजर रेलवे जंक्शनहम लोगों ने कई बार कमीशन बढ़ाने की मांग की है। पिछले 10 वर्ष से 1 रुपए कमीशन हैं, जिससे खर्चा निकालना मुश्किल हो गया है।
आलोक शुक्ला, संचालक, जेटीबीएस गाजियाबाद के लिए टिकट लिया। 85 रुपए की जगह जेटीबीएस के काउंटर संचालक ने 90 रुपए मांगे। ऑब्जेक्शन करने पर लड़ने लगा और कहा कि यहां कहीं से भी टिकट खरीदोगे अधिक रुपए देने ही पड़ेंगे। ट्रेन छूटने की जल्दी में अधिक रुपया देकर टिकट लेना पड़ा। विष्णु दत्त शर्मा मुझे कानपुर जाना है। ट्रेन आने वाली है, जिसके चलते रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित रेलवे टिकट के निजी काउंटर से टिकट खरीदने गया था। टिकट काउंटर बैठे व्यक्ति ने कुल किराया से 5 रुपए एक्स्ट्रा लिया। पूछने पर कहना था कि यही चार्ज है। लाल शिखरेंद्र प्रताप सिंह