बेसमेंट से उठा धुंआ हॉस्पिटल में भरा, चीख पुकार मची, खिड़की तोड़कर निकाले मरीज
फ्लैग : घर के नक्शे पर बने नवोदय हॉस्पिटल में लगी आग
- बेसमेंट में शॉर्ट सर्किट से हुआ हादसा, 18 मरीज थे भर्ती - बेसमेंट में धुआं भरने से घुटने लगा मरीजों का दम, खिड़की तोड़कर निकाला बाहर >BAREILLY : मिनी बाईपास पर कर्मचारी नगर रोड स्थित नवोदय हॉस्पिटल के बेसमेंट में फ्राईडे सुबह 11 बजे शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। हादसे के वक्त अस्पताल में कुल 18 मरीज भर्ती थे। इनमें से आईसीयू में छह थे। अस्पताल का आईसीयू भी बेसमेंट है, जहां तक आग नहीं पहुंच सकी और समय रहते इस पर काबू पर लिया गया। इस दौरान हॉस्पिटल स्टाफ और दूसरे लोगों ने मरीजों को अस्पताल से बाहर निकालकर उनकी जान बचाई। धुएं से घुटने लगा दमप्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग लगने के दौरान अस्पताल में ओपीडी चल रही थी। आग से बेसमेंट में भरा धुआं फर्स्ट फ्लोर पर स्थित ओपीडी में आ जाने से वहां चीख-पुकार मच गई। मरीजों का दम तक घुटने लगा। धुंआ देख और शोर सुनकर हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों के परिजन उन्हें बाहर निकालने लगे। धुआं इतना ज्यादा था कि आईसीयू की खिड़कियां तोड़कर मरीजों को बाहर निकाला गया। हॉस्पिटल के स्टाफ और वहां से गुजर रहे राहगीरों ने भी मरीजों को बाहर निकाला।
रोड पर चादर बिछाकर लेटे मरीज हॉस्पिटल से निकालने के बाद मरीजों को रोड किनारे लिटा दिया गया। इसी दौरान सूचना पाकर फायर ब्रिगेड की गाडि़यां भी मौके पर पहुंच गई। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन, बंसमेंट से धुएं को छंटने में करीब छह घंटे लगे। सुरक्षा की दृष्टि से फिलहाल हॉस्पिटल को खाली करा दिया गया है। दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किए मरीज आग लगने के बाद रोड पर लेटे कई मरीजों को उनके परिजनं खुद ही दूसरे हॉस्पिटल ले गए। कुछ मरीजों को हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने पास के ही दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया। =============== खामियां-खामियां है अस्पताल में बॉक्स : आवासीय नक्शे पर बना दिया हॉस्पिटल तीन मंजिला यह हॉस्पिटल 138 वर्ग मीटर में बना है और इसे आवासीय नक्शे पर ही बना दिया गया है। एक हॉस्पिटल बनाने के लिए करीब 300 वर्ग मीटर जगह होनी चाहिए। मानक के मुताबिक चौड़ाई 12 मीटर तय है और हॉस्पिटल की फेसिंग मेन रोड की ओर हाेनी चाहिए। बॉक्स : बेसमेंट में बना दिया आईसीयू और ओटीफायर ब्रिगेड का कहना है कि हॉस्पिटल के बेसमेंट का प्रयोग पार्किंग और स्टोर के लिए हो सकता है जबकि यहां आईसीयू और ओटी बना दिया गया है।
एक ही रास्ता, वो भी संकरा इस हॉस्पिटल के बेसमेंट में आने जाने के लिए एक ही सीढ़ी है। वो भी बहुत संकरी है। आईसीयू से मरीजों को बाहर निकालने वक्त बहुत दिक्कत पेश आई। एक बार में एक ही मरीज को निकाला जा सका। --------------------- फायर ब्रिगेड को नहीं पता, अस्पताल को एनओसी मिली है कि नहीं बरेली में चीफ फायर अफसर का पद खाली है। पीलीभीत के चीफ फायर अफसर के पास बरेली का प्रभार है। बरेली के डिप्टी डायरेक्टर अजय गुप्ता मेडिकल लीव पर हैं। फिलहाल चीफ फायर अफसर का काम देख रहे हेड कांस्टेबल धर्मपाल का कहना है कि अस्पताल को फायर ब्रिगेड की एनओसी मिली है या नहीं, उन्हें नहीं पता। सैटरडे को बता पाएंगे। यह पूछे जाने पर कि अस्पताल में आग बुझाने के उपकरण थे, इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता। ---------------------- शॉर्ट सर्किट से बेसमेंट में आग लगी थी, स्टाफ ने सभी मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया। गंभीर मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में तुंरत शिफ्ट करा दिया गया। उमेश कुमार, हॉस्पिटल ओनरप्रारंभिक जांच में मानक और रजिस्ट्रेशन आदि सभी ठीक मिले हैं। हॉस्पिटल से सभी मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मामले की जांच एसीएमओ रंजन गौतम को सौंपी गई है।
डॉ। विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ नवोदय अस्पताल जिस जगह है वहां आवासीय भवन का नक्शा पास है। बीडीए टीम सोमवार को मौके पर भेजी जाएगी। जरूरत पर सीलिंग की भी कारर्1वाई होगी। - सुरेंद्र प्रसाद सिंह, सचिव, बरेली विकास प्राधिकरण -------------------------- बॉक्स : अस्पतालों के लिए अग्नि सुरक्षा के मानक - कम से कम डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़े दो दरवाजे होने चाहिए। - ऊपरी मंजिल पर ओवरहेड टैंक जरूरी, जिसमें हमेशा पानी भरा रहे। - जगह-जगह अग्निशमन यंत्र लगे हों। - आपातकालीन संकेतक और फायर अलार्म हो। - बेसमेंट में अस्पताल का संचालन न हो। - अग्निशमन विभाग की एनओसी जरूरी। - अग्निशमन विभाग, पुलिस और आपातकालीन नंबरों का डिस्प्ले हो। ----------------------