-आधार लिंक करने के बहाने पूछ रहे एटीएम नंबर

- जालसाज लोगों को दोस्तों के बहाने भी फंसा रहे जाल में

>BAREILLY: ज्यादातर आधार कार्ड गैस सब्सिडी में यूज हो रहा है। कुछ अन्य योजनाओं में भी आधार कार्ड की डिमांड की जाती है। इसके चलते एटीएम ठगों ने अब आधार को आधार बनाकर भी ठगी करना शुरू कर दिया है। यही नहीं वह दोस्तों के जरिए भी फोन कराकर अपने जाल में फंसा रहे हैं। ठगों का जब पुराना तरीका सबके सामने आ जाता है तो वह नया तरीका इजाद कर रहे हैं। पिछले दिनों हुई ठगी में कुछ इसी तरह के मामले सामने आए हैं। ऐसे में लोगों को ठगों से और भी ज्यादा अवेयर रहने की जरूरत है।

डेथ ऑफ बर्थ भी किया मिलान

28 नवंबर को प्रेमनगर निवासी एडवोकेट को ठगों ने सिंडिकेट बैंक मैनेजर बनकर फोन किया था। ठग ने सबसे पहले उनसे कहा कि उनके बैंक अकाउंट से आधार लिंक नहीं हो रहा है। आधार लिंक न होने से उनका एटीएम ब्लॉक हो जाएगा। यही नहीं उसने आधार कार्ड का नंबर भी उन्हें बता दिया था। जिससे उन्हें लगा कि शायद बैंक से ही फोन आया हो। फोन करने वाले ने डेथ ऑफ बर्थ से मिलान करने के लिए कहा तो उसमें कुछ कमी थी लेकिन फोन करने वाले ने पल भर में उन्हें अपने जाल में फंसा लिया। आधार लिंक के बहाने ही उसने उनका एटीएम नंबर पूछ लिया और फिर उनके अकाउंट को पूरी तरह से खाली कर 24 हजार रुपए निकाल लिए।

एक साथ दो लोगों को निशाना

30 नवंबर को किला निवासी गौहर रिजवी के पास स्टेट बैंक मैनेजर के नाम से फोन आया। फोन करने वाले ने उनसे कहा कि उनका एटीएम ब्लॉक हो गया है। इसे चालू करने के लिए वेरीफिकेशन करना होगा। वेरीफिकेशन के लिए उन्हें अपने किसी परिचित का मोबाइल नंबर देना होगा। वह अपने परिचित को भी बता दें कि बैंक से उनके पास काल आएगी और डिटेल पूछने पर बता दें। इस पर उन्होंने अपने परिचित एक मीडिया परसन का मोबाइल नंबर दे दिया। फोन करने वाले ने मीडिया परसन को फोन किया और गौहर के बारे में बताते हुए जानकारी जुटाना शुरू कर दिया। उसने उनका एटीएम नंबर मांग लिया। उसके बाद उनसे ओटीपी नंबर जानने की कोशिश की। उसने गौहर से भी एटीएम नंबर मांगने की कोशिश की थी।

ओटीपी नंबर भी करते हैं पता

इन दो नए तरीकों के अलावा ठग कई अन्य तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें कि एटीएम मुंबई से ही बनते हैं इसलिए ज्यादातर काल मुंबई के नाम पर आते हैं। कई बार कॉल स्थानीय बैंक के नाम से भी किए जाते हैं। जबकि बैंक से कस्टमर को कोई कॉल नहीं करता है। इसके अलावा ठग एटीएम नंबर, पिन कोड नंबर या फिर ओटीपी नंबर जानकर ठगी करते हैं। ठगों के जाल में पढ़े लिखे लोग भी फंस जाते हैं क्योंकि हर किसी को डर रहता है कि कहीं उनका एटीएम ब्लॉक न हो जाए।

Posted By: Inextlive