-पूर्व बस कंडक्टर ने कोर्ट के आदेश पर कोतवाली में दोनों एआरएम पर दर्ज कराई एफआईआर

 

BAREILLY: विभागीय जांच से नाम निकालने के लिए रूहेलखंड डिपो के एआरएम ने एक कंडक्टर से 80 हजार रुपए लिये थे। आरोप है कि रिश्वत देने के बावजूद जब जांच से नाम नहीं हटाया गया। पीडि़त ने शिकायत की तो एआरएम ने उसके साथ मारपीट की गई और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। कंडक्टर ने कोर्ट से एफआईआर दर्ज कराने की गुहार लगाई थी। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली थाना में दोनों एआरएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

 

एक लाख रुपए की थी डिमांड

चैना मुरारपुर हाफिजगंज निवासी राममूर्ति परिवहन निगम के रुहेलखंड डिपो में कंडक्टर था। उसने बताया कि जब वह पीलीभीत डिपो में बस कंडक्टर था। तब उसकी डब्ल्यूटी और नॉन स्टाप से संबंधित विभागीय जांच चल रही थी। आरोप है कि रुहेलखंड डिपो के एआरएम जेड ए रुमानी ने उसे एक दिन बुलाया और कहा कि उसके खिलाफ जांच चल रही है, इसे ले देकर निपटा लो। इसके लिए एक लाख रुपए देने होंगे। जब उसने मना किया तो हर हाल में 80 हजार रुपए की मांग की। उसने किसी तरह से 80 हजार रुपए दे दिए। जब जांच से उसका नाम नहीं हटा तो वह एआरएम के पास रुपए वापस मांगने गया तो वहां पर पीलीभीत एआरएम जुनेद शम्सी भी थे। यहां पर उसके साथ मारपीट की गई और गाली-गलौज की गई। उसने थाना व पुलिस अधिकारियों के यहां शिकायत की लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई तो उसने कोर्ट में जाकर शिकायत की। कोर्ट के आदेश के बाद थर्सडे रात कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

Posted By: Inextlive