सूफियाना रस्म-ओ-रिवाज के साथ हुई गुस्ल शरीफ की रस्म
-आज से होगा उर्स का आगाज, उर्स में पहुंचने लगे आला हजरत के दीवाने
BAREILLY : दरगाह प्रमुख मौलाना अलहाज अश्शाह मोहम्मद सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां की सरपरस्ती और सज्जाद हजरत मौलाना मो। अहसन रजा कादरी मौजूदगी में संडे को दरगाह-ए-आलाहजरत का खानकाही और सूफियाना रस्मो रिवाज के साथ गुस्ल शरीफ हुआ। इसके बाद संदल शरीफ पेश किया गया खानकाही निजाम में गुस्ले काबा की रस्म के आधार पर उर्स पर वर्ष में एक बार गुलाब जल से गुस्ल दिया जाता है और संदल भी पेश किया जाता है। चढ़ाई गई नई चादरसंदल और गुस्ल की यह रस्म पीर बलियों और बजुगरें से कई सदियों से चली आ रही है। दरगाह-ए-आला हजरत की यह विशेषता है कि यहां होने वाली रस्म किसी शहजादे के हाथों अदा करायी जाती है। इस वर्ष यह रस्म दरगाह-ए-ख्वाजा गरीब नवाज के गद्दी नशीन और औलादे गौसे आजम हजरत सैय्यद अब्दुल कादिर साहिब हजरत सैय्यद आसिफ मियां साहब और दीगर सादाते किराम के हाथों अदा हुई। इस मौके पर हजरत सुब्हानी मियां और अहसन मियां ने नई चादरें चढ़ाई।
यह लोग रहे मौजूदइस मौके पर मुफ्ती मो। सलीम नूरी, मुफ्ती आकिल साहब, मुफ्ती अफरोज आलम, मुफ्ती अनवर अली, मुफ्ती सैय्यद कफील अहमद, सैय्यद शाकिर अली, मुफ्ती जमील खां, मुफ्ती मोईन खां, मौलाना अख्तर, मौलाना एजाज अन्जुम, कारी अब्दुल हकीम, सैय्यद जुल्फी और सैय्यद एजाज आदि लोग मौजूद रहे। इस मौके पर तबुर्रकात म्यूजियम को भी आम जायरीन के लिए खोला गया।
आज परचम कुशाई से होगा उर्स-ए-रजवी का आगाज ठिरिया निजावत खां से अंजुमन एहसासुल मुस्लिेमीन नूरी कमेटी की जानिब से सुबह 9 बजे जुलूसे परचम आएगा। दोपहर दो बजे से स्वालेह नगर किला आदि से परचमों के जुलूस रवाना होकर दरगाह पहुंचेंगे। शाम 4 बजे हाजी अल्लाह बख्श आजम नगर के यहां से हजरत अहसन मियां की कयादत में जुलूसे परचम दरगाह शरीफ आएगा। शाम 5 बजे दरगाह प्रमुख हजरत सुब्हानी मियां की अगुआई में यह जुलूसे परचम इस्लामियां जाकर बाबे रजा पर लगा दिया जाएगा। रात्रि 8:30 बजे से ऑल इंडिया मुशायरा-ए-नातो मनकबत होगा। जिसमें देश-विदेश के शायर और कवि हिस्सा लेंगे।