Bareilly: इस निकाय चुनाव में राजनीतिक उठापटक के चलते 6373 वोट बेकार हो गए. कैंडीडेट्स के असमंजस और निजी स्वार्थ ने इन वोटर्स को निराश किया. कई कैंडीडेट्स आखिरी समय आते-आते इलेक्शन से हट गए. उन्होंने लोगों तक यह जानकारी प्रॉपरली नहीं पहुंचाई. नतीजा ये हुआ कि उनका नाम ईवीएम में बना रहा और लोगों ने उन्हें वोट कास्ट किए. मेयर पद के लिए 4 कैंडीडेट्स ने यही किया और उनके चक्कर में ये वोट बर्बाद हो गए.


आखिरी समय में पीछे हटेसैटरडे को इलेक्शन की काउंटिंग के बाद मेयर पद के लिए जिस तरीके के नतीजे सामने आए वो काफी दिलचस्प थे। नतीजों में इरशाद अली को 2158 वोट, रजनी शर्मा को 2605 वोट, राम निवास आर्य को 850 वोट और सलभ उर्फ शलफ पाठक को 760 वोट मिले। इरशाद अली काफी समय पहले फरहत के समर्थन में, रजनी शर्मा और राम निवास आर्य डॉ। आईएस तोमर के समर्थन में इलेक्शन से हट गए थे। पर तीनों ने ये डिसीजन देर से लिया। एक बार नामांकन हो जाने के बाद कैंडीडेट का नाम ईवीएम में मेंशन हो जाता है। नाम हटाने के लिए नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी करनी होती है जिसकी निर्धारित तिथि होती है। ये डेट काफी पहले निकल चुकी थी, इसलिए तीनों का नाम ईवीएम में था। Follow नहीं किया procedure
सलभ उर्फ शलभ पाठक का केस इन कैंडीडेट्स से कुछ अलग था। पहले तो शलभ ने मेयर पद पर चुनाव लडऩे की ठानी लेकिन बाद में शलभ ने नामांकन वापसी के लिए निर्वाचन आयोग को अपना आवेदन भेज दिया। इलेक्शन कमीशन के निर्देशानुसार जब कोई कैंडीडेट अपना नाम वापस लेना चाहता है तो उसे इलेक्शन ऑफिस में खुद आना होता है, जबकि शलभ ने अपना आवेदन तो इलेक्शन ऑफिस भेज दिया लेकिन किसी और के मार्फत। नाम वापसी के लिए शलभ खुद इलेक्शन ऑफिस में प्रेजेंट नहीं हुए। इसके चलते इलेक्शन ऑफिस ने शलभ की नाम वापसी की अप्लीकेशन को खारिज कर दिया। इलेक्शन में खड़े होना, धूमधाम से प्रचार-प्रसार करना और लास्ट में अपनी बात से मुकर जाना इसको ज्यादातर लोग सही नहीं मानते हैं।

Posted By: Inextlive