बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों के अव्यवस्थाओं की यह बानगी भर है. परिषदीय और कम्पोजिट स्कूलों को दी जाने वाली कम्पोजिट ग्रांट का सही से यूज नहीं होने से स्कूल हित में जरूरी काम नहीं हो सके. स्कूल शिक्षा विभाग के डीजी विजय किरण आनंद ने 75 जिलों के बीएसए को कम्पोजिट ग्रांट के यूज का सही से पालन नहीं होने संबंधी पत्र लिखकर प्रदेश के 1.59 लाख स्कूलों की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.


(अनुराग पांडेय)। 21 जून को डीजी एजुकेशन की ओर से लिखे गए पत्र से शिक्षा कार्यालयों में बम सा फूटा है। उन्होंने साफ तौर पर लिखा है कि कम्पोजिट स्कूल ग्रांट के उपभोग के संबंध में राज्य परियोजना कार्यालय के निर्देशों का सही से पालन हुआ। केस-1: बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालय, बिलंदपुर में मल्टीपल हैंडवाशिंग की व्यवस्था तो दूर, बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। दीवारें झड़ रही थीं और फर्श भी टूटा मिला। स्कूल में बिजली की व्यवस्था नहीं थी जिसकी वजह से बच्चे गर्मी में पढऩे को मजबूर थे।केस-2: रेलवे कैंपस स्थित प्राथमिक विद्यालय मोहद्दीपुर में आज तक बिजली नहीं पहुंची है। एक कमरे में स्कूल चलता है, जिसमें टाइल्स भी नहीं हैं। बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है।
केस-3: पुलिस लाइन के प्राथमिक विद्यालय में फर्श टूटी है। पिछले कुछ दिनों से वहां बिजली भी नहीं है। इस वजह से बच्चे गर्मी में बैठने को मजबूर हैं। डीजी ने कराया वेरिफिकेशन


बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने पिछले कुछ वर्षों में हुए निर्माण कार्यों का वेरिफिकेशन कराया, जिसकी रिपोर्ट में यह सामने आया कि इन कार्यों में शासन के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है और जिस काम के लिए बजट पास हुआ था वो काम भी अधूरे हैं।2021-22 में करने थे ये कार्य- कम्पोजिट स्कूल ग्रांट की कुल राशि का मिनिमम 10 परसेंट सफाई पर खर्च किया जाना था और सभी स्कूलों में मल्टीपल हैंडवाशिंग सिस्टम की व्यवस्था करनी थी। - हैंडपंप के पास पक्का प्लेटफार्म और सोख्ता का निर्माण।- दीवारों की पेंटिग और फर्श का टाइलीकरण।- स्कूल में खराब पड़े इलेक्ट्रिकल एपलाइंसेस को ठीक कराना या फिर नया लगाना।- सभी स्कूलों में कंज्यूमेबल और नॉन-कंज्यूमेबल रजिस्टर मेनटेन करना।वेरिफिकेशन में मिलीं कमियां- स्कूलों में कंज्यूमेबल और नॉन-कंज्यूमेबल रजिस्टर नहीं बनाए जा रहे हैं।- कम्पोजिट स्कूल ग्रांट की 10 परसेंट राशि स्वच्छता के कार्य पर नहीं खर्च की गई है। - खर्च का विवरण स्कूल की दीवारों पर पेंट कराने का निर्देश था, जो कि अधिकतर स्कूलों ने नहीं कराया है। - स्कूल की रंगाई-पुताई का काम तय मानकों के हिसाब से नहीं कराया गया है।- स्कूलों में हुए कार्य के बिल-वाउचर उपलब्ध नहीं रहते हैं और जो उपलब्ध कराए गए हैं उसमें अंकित रेट मार्केट रेट से ज्यादा हैं.फैक्ट एंड फीगर1.59 लाख बेसिक शिक्षा के स्कूल पूरे प्रदेश में 2504 बेसिक शिक्षा के स्कूल गोरखपुर में

75,000 रुपए कम्पाइंड स्कूलों को मिलती है कम्पोजिट ग्रांट 50,000 रुपए सिंगल स्कूलों को मिलती है कम्पोजिट ग्रांटसितंबर माह में आती है कम्पोजिट ग्रांटसभी स्कूलों का बजट उनके खाते में भेज दिया गया है। जो भी कमियां हैं, उस पैसे से उन्हें दूर करना है। एक महीने बाद हम लोग स्कूलों में फीडबैक लेने भी जाएंगे। कहां कितना काम हुआ ये पता लगाएंगे।रमेन्द्र सिंह, बीएसए गोरखपुर

Posted By: Inextlive