दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में ऑड सेमेस्टर एग्जाम्स की तैयारियां तेजी से की जा रही हैं. एक तरफ जहां स्टूडेंट्स प्रोजेक्ट असाइंमेंट और प्रैक्टिकल में लगे हैं वहीं दूसरी तरफ एग्जाम्स को पारदर्शी और नकल विहीन कराने के लिए यूनिवर्सिटी की 10 टीमों ने तीन दिन में 215 कॉलेजों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया.


गोरखपुर (ब्यूरो)सेंटर बनाने के लिए कुछ दिनों पहले कॉलेजों से 26 प्वॉइंट्स पर रिपोर्ट मांगी गई थी। सेंटर के लिए कुल 215 कॉलेजों ने अप्लीकेशन दिया था। इसके बाद वीसी प्रो। पूनम टंडन ने सेंटर निर्धारण के लिए 26 फिजिकल वेरिफिकेशन कराने का फैसला लिया। वेरीफिकेशन के लिए यंग टीचर्स की तीन-सदस्यीय 10 टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने तीन दिनों तक 215 कॉलेजों में सभी प्वॉइंट्स को वेरिफाई किया और सभी कॉलेजों को जियो टैग किया। रजिस्ट्रार को सौंपी रिपोर्ट


सभी टीमों ने पहले दिन सोमवार को गोरखपुर जिले के करीब 80 कॉलेजों का इंस्पेक्शन किया और उनके यहां स्टूडेंट्स के लिए मौजूद सुविधाओं तथा परीक्षा सम्पन्न कराने के आवश्यक मानकों की गहराई से जांच की। दूसरे दिन मंगलवार कोकुशीनगर के करीब 55 कॉलेजों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया। तीसरे दिन बुधवार को देवरिया जिले के करीब 80 कॉलेजों की जांच की और उनके दस्तावेजों का अवलोकन किया तथा सुविधाओं को परखा। सभी टीमों ने इंस्पेक्शन के दिन ही बंद लिफाफे में अपनी गोपनीय रिपोर्ट रजिस्ट्रार को सौंपी। टीम की रिपोर्ट के आधार पर खरा उतने वाले कॉलेजों को ही एग्जामिनेशन सेंटर बनाया जाएगा। वेरिफिकेशन के कुछ महत्वपूर्ण प्वॉइंट्स- एग्जाम के लिए उपलब्ध क्लासरूम की संख्या

- कॉलेज तक पक्का रास्ता और गाडिय़ों के पहुंचने की सुगमता

- कॉलेज में चहारदीवारी और गेट- सभी रूम्स में दोनों तरफ से वॉइस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा- स्ट्रांग रूम में डबल लॉक आलमारी एवं सीसीटीवी कैमरा- चालू हालत में कुल कंप्यूटरों की संख्या- स्टूडेंट्स के लिए शौचालय और पेयजल की व्यवस्था

Posted By: Inextlive