11 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी अभी तक बांस-बल्ली के सहारे बिजली तार ले जाने पर ऊर्जा राज्यमंत्री ने जवाब तलब किया है. मंत्री ने खुद बांस-बल्ली का यह खेल पकड़ा था. नगरीय एसई ने मंत्री को रिपोर्ट देने के लिए चारों वितरण खंडों के एक्सईएन से बांस-बल्ली की जगह सीमेंट के खंभे व एबीसी लगाए जाने का हिसाब-किताब मांगा है. जवाब तलब होने के बाद कर्मचारियों से बांस-बल्ली व लगे खंभों की गिनती कराई जा रही है. खंभा लगाने का ठेका पाने वाली पॉवर टेक कंपनी से भी जवाब मांगा है. इस कंपनीको ही 4591 खंभे और 180 किलोमीटर एबीसी लगाने की जिम्मेदारी मिली थी.


गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर जोन के दौरे पर आए ऊर्जा व वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के राज्यमंत्री डॉ। सोमेन्द्र तोमर ने बीते मंगलवार को रुस्तमपुर व रानीबाग बिजली घर व आस-पास के मोहल्लों का भ्रमण किया। उन्होने इन दोनों क्षेत्रों बांस-बल्ली पर बिजली तार देखकर अधिकारियों से आपत्ति जताई। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस में 11 करोड़ की बांस-बल्ली योजना पर सवाल उठने पर उन्होंने अफसरों से कहा कि इसकी जांच कराकर रिपोर्ट दें। खंभे व एबीसी लगाए


नगरीय एसई ने मंत्री के निर्देश का हवाला देते हुए चारों खंडों के एक्सईएन को पत्र लिखकर बांस-बल्ली को हटाकर स्थाई बिजली वितरण नेटवर्क बनाने के कार्य की प्रगति मांगी है। उन्होंने कहा है कि सीएम की प्राथमिकता में शामिल बांस-बल्ली स्कीम के तहत जिन क्षेत्रों में बांस-बल्ली हटाकर खंभे व एबीसी लगाए है। सभी खंडों के एक्सईएन अपने-अपने क्षेत्र में जांच कराकर बताए कि तय एस्टीमेंट के मुताबिक खंभे व एबीसी लगे है या नहीं? कितने खंभे व कितने किलोमीटर एबीसी लगी है? इसका पूरा ब्यौरा दें। चाहे तो ज्वाइंट निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर अविलम्ब मुहैया कराए। फर्म को 4591 खंभा व 180 किमी एबीसी लगाना था

पावर टेक कंपनी को शहर के चारों खंडों में 4591 खंभा व 180 किलोमीटर एबीसी कंडक्टर लगाना था। फर्म ने तय समय में सिर्फ 4312 खम्भा व 175 किलोमीटर एबीसी लगा सकी। हालांकि फर्म ने स्टारे से मिलने वाले सभी उपकरण ले लिए। बावजूद इसके अभी भी कई क्षेत्रों में बांस-बल्ली के सहारे हजारों परिवार बिजली इस्तेमाल कर रहे है। 11 करोड़ की बांस-बल्ली योजना की रिपोर्ट ऊर्जा राज्यमंत्री ने मांगी है। इसके लिए सभी खंडों के एक्सईएन को पत्र भेजकर खम्भों व तार का हिसाब मांगा है। उन्हें ज्वाइंट निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए है। हालांकि खास बात यह है कि फर्म को अबतक भुगतान नहीं हुआ है। खंडों से रिपोर्ट आने के बाद ही कंपनी के कार्यो का मेजरमेंट कराकर भुगतान किया जाएगा।- ई। यूसी वर्मा, एसई नगरीय वितरण मंडल

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