कमिश्नर की रिपोर्ट निगेटिव, सभी ने ली राहत की सांस
- बढ़े केस तो स्पोर्ट्स कॉलेज, होटल व अपार्टमेंट में रखे जाएंगे मरीज
- कोरोना के बढ़ते केसेज को देखते हुए जिला प्रशासन ने लिया डिसीजन बढ़े केस तो स्पोर्ट्स कॉलेज, होटल व अपार्टमेंट में रखे जाएंगे मरीज - कोरोना के बढ़ते केसेज को देखते हुए जिला प्रशासन ने लिया डिसीजनGORAKHPUR: GORAKHPUR: कोरोना के बढ़ते कहर की चपेट में धीरे-धीरे सभी आ रहे हैं। कमिश्नर के कैंप कार्यालय में जहां पीए समेत गार्ड कोरोना संक्रमित पाए गए। वहीं मंडल निरीक्षण पर निकले कमिश्नर ने एहतियात के तौर पर महराजगंज में कोरोना जांच कराई तो निगेटिव आए। उसके बाद सभी ने राहत की सांस ली। वहीं जिस प्रकार से कोरोना के केसेज बढ़ रहे हैं, उसको देखते हुए मंडल और जिला स्तर पर तैयारियां भी मुकम्मल कर ली गई हैं। स्पोर्ट्स कॉलेज, लोहिया एनक्लेव समेत सिटी के होटल्स में कोरोना पेशेंट्स को एडमिट किए जाने की तैयारी कर ली गई है।
म्भ्0 से ऊपर हो चुके केसबता दें, गोरखपुर में म्भ्0 से ऊपर कोरोना केसेज को देखते हुए कमिश्नर जयंत नार्लिकर व डीएम के विजयेंद्र पांडियन ने स्पोर्ट्स कॉलेज का मुआयना कर हाल जाना। वहीं सीएमओ की तरफ से कोरोना मरीजों को एडमिट करने की प्लानिंग कर ली गई है। लोहिया एनक्लेव में भी एक हजार बेड कोविड सेंटर डेवलप किया जा चुका है। यहां गोरखपुर मंडल के दूसरे जिले के मरीजों को एडमिट किया जाएगा। वहीं सिटी के होटल में एडमिट किए जाने वाले मरीजों को होटल का खर्चा खुद वहन करना होगा। रूम का किराया, खाने-पीने का चार्ज, सब मरीज के परिजनों को देना होगा। होटल में एसिम्टौमैटिक वाले कोरोना मरीजों को होटल में रुकने की सुविधा दी जाएगी। इस संबंध में जिला प्रशासन ने वर्क प्लान बनाकर शासन के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यह नई व्यवस्था लखनऊ के बाद गोरखपुर में भी शुरू हो जाएगी।
होटल के मरीजों के लिए क्या होगी व्यवस्था - बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होटल में रहने का खर्च खुद वहन करना होगा। - इसको लेकर कुछ होटल संचालकों से बात भी हो चुकी है। - मरीजों को भ्00 रुपए से लेकर ख्000 रुपए तक रोजाना के हिसाब से कमरे उपलब्ध कराए जाएंगे। - इसमें नाश्ता और खाना भी शामिल होगा। वर्जनऐसे मरीज जो कोरोना संक्रमित तो निकल रहे हैं, लेकिन उनके अंदर कोई खास लक्षण नहीं हैं, उनके लिए होटलों में रुकने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए शासन से परमिशन मिलने का इंतजार है। स्वास्थ विभाग की टीम लगातार इन मरीजों की मॉनिटरिंग करती रहेगी।
के विजयेंद्र पांडियन, डीएम