गोरखपुर में पीडि़तों को जल्द इंसाफ दिलाने के लिए पुलिस ने ऑपरेशन कनविक्शन चलाया है. एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक यानी साल 2023 के दस माह में 1583 अपराधियों को सजा भी दिलाई गई है लेकिन यह अभियान अभी तक छोटे-मोटे अपराधों के लिए ही कारगर साबित हुआ है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।बड़े अपराधी, माफिया ऑपरेशन कनविक्शन के चंगुल से अभी भी दूर हैं। उनके केस में पुलिस की लचर पैरवी ही नजर आई है। जिसका नतीजा है कि यूपी का मोस्टवाटेंड 2.50 लाख का इनामी गोरखपुर के झंगहा निवासी राघवेन्द्र यादव डबल मर्डर में निर्दोष साबित हुआ है। पांच साल से फरार है राघवेन्द्रएक तरफ गोरखपुर में दो बार राघवेन्द्र यादव ने गोलियां बरसाकर कई लोगों की जान ली। दूसरी तरफ इतने बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले राघवेन्द्र को आज तक पुलिस ढूंढ नहीं पाई। लगातार इनाम बढ़ता गया और वह यूपी की मोस्ट वाटेंड लिस्ट में भी शामिल हो गया, लेकिन पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिली। इसी बीच राघवेन्द्र फरारी में ही दोष मुक्त हो गया, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। मंडल में अव्वल गोरखपुर
ऑपरेशन कनविक्शन के तहत पैरवी तेज कर गोरखपुर में दस माह में 523 अपराधियों को सजा दिलाई गई। इसमे 101 अपराधियों को आजीवन कारावास भी हुआ है। वहीं मंडल के अन्य जिले कुशीनगर में 277, महाराजगंज में 436 और देवरिया में 347 बदमाशों को सजा दिलाई गई है। गोरखपुर की तुलना में अन्य जिलों में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले अपराधियों की भी संख्या बेहद कम है। टॉप-10 अपराधियों को सजा दिलाने में जुटी पुलिस


सूत्रों की मानें तो डबल मर्डर में राघवेन्द्र के दोष मुक्त होने के बाद पुलिस की साख गिरी है। इसलिए पुलिस अधिकारियों ने टॉप टेन लिस्ट में शामिल बदमाशों और माफिया को सजा दिलाने में जुट गई है। ये भी माना जा रहा है कि बहुत जल्द एक बड़े माफिया को सजा भी हो सकती है। उसके दो केस में गवाही पूरी हो चुकी है। 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक दिलाई सजा - 1583गोरखपुर - आजीवन कारावास - 10110 साल से ऊपर - 717 साल से ऊपर - 317 से कम - 309कुल सजा - 523कुशीनगर आजीवन कारावास - 0910 साल से ऊपर - 117 साल से ऊपर - 047 से कम - 253कुल सजा - 277महाराजगंजआजीवन कारावास - 2710 साल से ऊपर - 767 साल से ऊपर - 027 से कम - 361कुल सजा - 436देवरियाआजीवन कारावास - 1410 साल से ऊपर - 107 साल से ऊपर - 017 से कम - 322कुल सजा - 347

Posted By: Inextlive