GORAKHPUR : केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद भी गोरखपुर में कोई भी कप्तान एक साल का भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है. किसी ने 6 महीने तो किसी को एक महीने में ही ट्रांसफर कर दिया गया. जबकि गोरखपुर नेपाल बॉर्डर से जुड़ा होने के चलते क्राइम के लिहाज से सबसे संवेदनशील है. हर बार राजनीतिज्ञ गलियारों की भेंट चढ़ जाते हैं कप्तान. दो साल में चार एसएसपी का ट्रांसफर हो चुका है. इन हालत को देखते हुए अब सवाल खड़े हो गए है कि आखिर नए कप्तान कितने महीनों तक अपनी कुर्सी पर काबिज रह सकेंगे.


कौन रहा कब-कब तक तैनात प्रदेश सरकार ने 2012 में पुलिस व्यवस्था में पिछले पांच सालों से चली आ रही प्रथा पर अल्पविराम लगाते हुए बदलाव किया था। शहर की कमान एक बार फिर प्रदेश सरकार ने सीनियर सुप्रीडेंट ऑफ पुलिस (एसएसपी) के कंधों पर डाली थी। इससे पूर्व डिस्ट्रिक्ट की कमान डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीआईजी) के कंधों पर थी। गोरखपुर डिस्ट्रिक्ट में एसएसपी के पद की पहेली पोस्टिंग आशुतोष कुमार की हुई। दो साल में चुटकियों में बदल गए गोरखपुर का कप्ताननाम                                     टाइम 1- आईपीएस आशुतोष कुमार         मार्च 12 से फरवरी-132- आईपीएस डी.के चौधरी         फरवरी 13 से मार्च-133- आईपीएस शलभ माथुर         मार्च 13 से जुलाई 13 4- आईपीएस प्रदीप यादव         जुलाई 13 से फरवरी 13 आखिर क्यों बदल जाते हैं कप्तान?


1- नेपाल और बिहार सीमा से जुड़े होने के चलते गोरखपुर का काफी संवदेन शील माना जाता है।2- पूर्वांचल की दो बड़ी पार्टियों का वर्चस्व की भेंट भी चढ़ रहे एसएसपी।3- कम्युनिटी पुलिस के मानक को पूरा न करने पर चलती है तलवार 4- पश्चिम में पुलिसिंग की इच्छा के चलते अफसर नहीं आना चाहते पूर्वांचल में

5- डिस्ट्रिक्ट में अव्यवस्था और संसाधन की कमी के चलते भी अफसर करा लेते हैं ट्रांसफरअन्य जिलों में तैनात कप्तान-एसएसपी कानपुर पिछले डेढ़ साल से तैनात हैं।-गाजियाबाद के एसएसपी धर्मेन्द्र सिंह एक साल पूरे कर चुके हैं।

Posted By: Inextlive