बीआरडी मेडिकल कॉलेज के में अब पेशेंट्स को पर्चा कटवाने की भागदौड़ से छुटकारा मिल जाएगा. पेशेंट्स की भागदौड़ को कम करने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने ऑनलाइन पर्चे की सुविधा शुरू कर दी है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय में मरीज अब आसानी से डॉक्टर को दिखा सकेंगे. ऑनलाइन व्यवस्था से पेशेंट्स को ओपीडी में परामर्श लेना आसान हो गया है.


गोरखपुर (ब्यरो)।पर्ची काउंटर पर पर्चा कटवाने के लिए पेशेंट्स के साथ परिजनों को लंबी लाइन में लगना पड़ता था। ज्यादा भीड़ होने के चलते ओपीडी का टाइम भी खत्म हो जाता था। टाइम ओवर होने पर डॉक्टर भी ओपीडी से चले जाते थे। इसके अलावा मरीज और परिजनों को एक दूसरे दूसरे विभाग का भी चक्कर लगाना पड़ता था। मेडिकल प्रशासन ने मरीजों की परेशानी को देखते हुए ऑनलाइन सुविधा शुरू कर दी है। अब उन्हें पर्चा के लिए इधर उधर भटकना नहीं होगा। उनके मोबाइल पर भी यह सुविधा मिल जाएगी। आप के एंड्रॉयड मोबाइल फोन पर ही मिलेगी सुविधा - -पेशेंट या उसके परिजन को अपने एंड्रायड मोबाइल फोन के गूगल प्ले स्टोर में जाना होगा। -यहां ड्रीफकेस (DRIEFCASE) एप डाउनलोड करना होगा। -एप पर रजिस्ट्रेशन के दो विकल्प सामने आएंगे। -एक फोन नंबर और दूसरा आधार कार्ड का नंबर।


-पेशेंट को आधारकार्ड के नंबर का विकल्प चुनना होगा-अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा। -आधार नंबर दर्ज होते ही आधार से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगी। -इसे दर्ज करने के बाद पेशेंट को आधार में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। -इसके बाद आधारकार्ड में दर्ज पेशेंट का नाम, उम्र, लिंग, पिता का नाम, पता खुद दर्ज हो जाएगा।

-इसके बाद पेशेंट को एक आभा एड्रेस चुनना होगा। -इसको चुनने के बाद आभा खाता एक्टिव हो जाएगा। -परिवार के अन्य सदस्यों को जोडऩे के लिए दोबारा प्रक्रिया दोहराई जा सकती है। ओपीडी काउंटर पर जमा होंगे एक रुपएऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले पेशेंट मेडिकल कॉलेज के ओपीडी पर्ची काउंटर पर लगाए गए क्यूआर कोड को अपने फोन के एप के माध्यम से स्कैन करेंगे। इसके बाद एक टोकन नंबर मिलेगा। यह नंबर आधा घंटे के लिए मान्य होगा। इससे पेशेंट का विवरण अपने आप कंप्यूटर में आ जाएगा। पेशेंट को काउंटर पर टोकन नंबर बताकर एक रुपए देकर पर्ची लेनी होगी।

Posted By: Inextlive