तीन लाख रुपए रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़े गए एनईआर के सस्पेंडेड पीसीएमएम केसी जोशी के ऊपर अब टर्मिनेशन की भी तलवार लटक रही है. सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के साथ ही आरोप तय करते ही बोर्ड पीसीएमएम को बर्खास्त करने की कार्रवाई कर सकता है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। पीसीएमएम 1988 बैच के इंडियन रेलवे स्टोर सर्विसेज (आईआरएसएस) अधिकारी हैं। रेलवे सेवा नियमावली के अनुसार न्यायिक हिरासत में जाने के बाद 24 से 48 घंटे में रेलकर्मी खुद ही सस्पेंड हो जाता है। पीसीएमएम के साथ ही ऐसा ही हुआ है। इस कार्रवाई के बाद विभाग के अधिकारी सहमे हुए हैं। इस प्रकरण में चार और अधिकारियों का नाम उछलने के बाद डर और बढ़ गया है। कुछ अधिकारी तो छुट्टी लेकर गायब हो गए हैं।गोपनीय सहायक संभाल रहे जिम्मेदारी
एनई रेलवे के सामग्री प्रबंधन विभाग में अधिकारियों की मनमानी जारी है। डिप्टी और सीनियर स्केल के अधिकारी मनमाने ढंग से कार्यालय को संचालित कर रहे हैं। जेम पोर्टल पर ऑनलाइन सिस्टम होने के बाद भी अधिकारी नजदीकी फर्मों को ही टेंडर दे रहे हैं और बदले में मोटी कमाई कर रहे हैं। वाराणसी स्थित स्टोर डिपो में तो स्क्रैप की बिक्री से लगाकर लॉटिंग की जिम्मेदारी गोपनीय सहायक संभाल रहे हैं। पूर्व सीपीटीएम हो चुके हैं टर्मिनेट


करीब चार साल पहले गोरखपुर मुख्यालय में तैनात मुख्य यात्री परिवहन प्रबंधक एमके सिंह को सीबीआई की ही चार्जशीट पर रेलवे बोर्ड ने टर्मिनेट कर दिया था। अभी वर्तमान में एक अन्य आईआरटीएस अफसर के ऊपर टर्मिनेशन की तलवार लटक रही है, बस सम्बंधित अफसर की आयु 50 होने का इंतजार है।

Posted By: Inextlive