अस्थमा से पीडि़त मरीजों को सावधान हो जाने की जरुरत है. यह अलर्ट जारी किया है हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से. दरअसल हाल ही में कानपुर में अस्थमा के दो पेशेंट की मौत हो जाने के बाद से गोरखपुर में हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से अलर्ट रहने की अपील की गई है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।मौसम बदल रहा है। ठंड ने भी अपना असर दिखाना शुरु कर दिया है। लगातार मौसम का मिजाज बदलने से दिन में किसी समय गर्मी का अहसास होने के चलते जहां लोग एसी और कूलर में समय बिता रहे हैं। वहीं रात को पंखे में रहना भी मुश्किल हो रहा है। दरअसल, मौसम अब धीरे-धीरे सर्दियों की ओर रुख करने लगा है। इस बदलते मौसम में जहां एक ओर सर्दी-ज़ुकाम, वायरल फीवर और डेंगू, मलेरिया जैसी दिक्कतें आम हो रही हैं। वहीं अस्थमा के मरीजों को भी मौसम का ये मिजाज परेशान करने लगा है। यही वजह है कि जिला अस्पताल में चेस्ट स्पेशलिस्ट के पास अस्थमा के मरीजों के संख्या बढऩे लगी है। प्रतिदिन 10-15 मरीज जिला अस्तपाल के ओपीडी में आने लगे हैैं। चेस्ट स्पेशलिस्ट ने सलाह दी है कि अस्थमा पेशेंट्स के लिए ये जरूरी हो जाता है कि मौसम के इस बदलते मूड से सावधान रहें।सावधानी बेहद जरूरी


नवंबर में दिन के वक्त जहां ठंड और गर्मी दोनों का एहसास हो रहा है। वहीं सर्दियों के मौसम की आहट सुनाई देने लगी है। ऐसे में जहां वातावरण में पराग कणों और धूल-मिट्टी की मौजूदगी अस्थमा के मरीजों को परेशान कर सकती है। वहीं बीते दीवाली त्योहार के चलते घरों की साफ-सफाई, डेंटिंग-पेंटिंग, धुआं और प्रदूषण जैसी चीजें भी अस्थमा के पेशेंट्स की परेशानी को बढ़ा दी है। चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। प्रशांत सिंह ने बताया कि दीवाली बीतने के बाद से ही अस्थमा के पेशेंट्स की संख्या बढ़ गई है। इसके पीछे की मुख्य वजहें हैं कि एयर पॉल्युशन और घरों में हुए साफ-सफाई के डस्ट। जो बेहद खतरनाक हैैं। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए अस्थमा मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत है।चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। बीएन अग्रवाल बताते हैैं कि अस्थमा के मरीज सर्दियों में ज्यादा से ज्यादा घर के अंदर ही रहने की कोशिश करें। हालांकि अगर आप किसी काम से बाहर जा भी रहे हैं तो मास्क जरूर पहन कर निकलें। दरअसल, सड़कों पर उड़ रहे धूल-कण की वजह से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। अगर आप मास्क पहने रहेंगे तो कोरोना वायरस से भी बचे रहेंगे।पानी की कमी न होने दें

अक्सर लोग सर्दियों में पानी कम ही पीते हैं, लेकिन अन्य की अपेक्षा अस्थमा के मरीजों के लिए यह खतरनाक हो सकता है। दरअसल, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से फेफड़ों में बलगम पतला हो जाता है, जिससे यह आसानी से शरीर से बाहर निकल जाता है। बलगम अस्थमा के मरीजों की सांस संबंधी दिक्कतें बढ़ा सकता है।घर को साफ-सुथरा रखें अस्थमा केमरीजों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर को साफ-सुथरा रखने के अलावा जहां आप सोते हैं, वहां की चादर और कंबल को भी हर हफ्ते गर्म पानी से धोना चाहिए, क्योंकि गंदगी से एलर्जी की समस्या हो सकती है और ऐसे में अस्थमा की दिक्कत बढ़ जाएगी।तंबाकू या धूम्रपान से रहें दूर अस्थमा के मरीजों को तंबाकू या धूम्रपान से तो बिल्कुल ही दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये न सिर्फ अस्थमा की दिक्कतें बढ़ाएंगे बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों की वजह भी बन सकते हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए यह काफी जरूरी है कि वो अपने हाथ समय-समय पर धोते रहें, ताकि उसके जरिए कोई भी वायरस शरीर में प्रवेश न कर पाए और अस्थमा की परेशानी न बढ़े।अस्थमा को पेशेंट्स को ठंड के मौसम में बहुत ही सावधान रहने की जरुरत है। पॉल्युशन हो या फिर डस्ट, इससे बचना होगा। सांस संबंधी कोई दिक्कत होने पर तत्काल जिला अस्पताल में इलाज करवा सकते हैैं। डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ

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