- झाडि़यों में न्यूड मिली थी महिला की डेड बॉडी

- पांच दिन तक 15 पुलिस कर्मचारियों की टीम दिनभर करती थी पड़ताल

- फोटो की पहचान होने पर पुलिस को मिला क्लू, खोज निकाला हत्यारोपित

- मैन्युअल पुलिसिंग नहीं होती तो सर्विलांस के सहारे गुम हो जाता मर्डर का राज

- क्राइम फाइल्स

जिले की पुलिस दिनरात हाईटेक होने की कोशिश मे लगी है। मर्डर, लूट, छिनैती, अज्ञात व्यक्तियों के मर्डर सहित अन्य मामलों में पुलिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश करती है। ज्यादातर मामलों में पुलिस टेक्नीकल सपोर्ट से पुलिस को मदद मिलती तो कभी-भी पुलिस को जांच के मैन्युअल तरीके भी अपनाने पड़ते हैं। शहर में हुए एक ब्लाइंड मर्डर में का पदार्फाश पुलिस ने मैन्युली कर दिया। एक अज्ञात महिला की न्यूड डेड बॉडी मिलने पर पुलिस ऐसे चौराहे पर जा खड़ी हुई जहां उसकी शिनाख्त का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। लेकिन तब एसपी सिटी डॉक्टर कौस्तुभ की सूझबूझ काम आई। पुलिस ने घटनास्थल का कई बार इंस्पेक्शन किया। बस, फिर क्या था। अंधेरे में भटक रही पुलिस को कामयाबी की रोशनी नजर आई। घटनास्थल पर मिली महिला की साड़ी के पल्लू में बंधी सुर्ती ने पुलिस को आगे बढ़ने का रास्ता सुझा दिया।

अज्ञात महिला का मर्डर, शिनाख्त कराने की बड़ी चुनौती

22 अगस्त 2020 की दोपहर शाहपुर के प्रीत विहार कालोनी स्थित एक खाली प्लाट में झाडि़यों के बीच बदबू उठने पर आसपास मकान में रहने वाले लोग परेशान हो गए तो उन्होंने किसी पशु की मौत होने की आशंका में झाडि़यों में जाकर देखा। पहली बार जो झाडि़यों में गया तो वह चिल्लाते हुए कालोनी में भागा। उसने सबको जाकर बताया कि एक महिला की न्यूड बॉडी पड़ी है जो सिर की तरफ से सड़कर खराब हो चुकी है। उसके बाद यह बात पूरे मोहल्ले में फैल गई। किसी ने पुलिस को सूचना दी। शाहपुर के इंस्पेक्टर सुधीर सिंह टीम संग मौके पर पहुंचे। थोड़ी ही देर में एसपी सिटी डॉक्टर कौस्तुभ, तत्कालीन सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह सहित अन्य पुलिस की टीम मौके पर जा डटी। डेड बॉडी को उठवाकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। यहां पुलिस के लिए बड़ी चुनौती? यह थी कि महिला की पहचान हो जाए। वह कौन है, कहां से आई है, उसके साथ क्या हुआ है सहित कई सवाल पुलिस के सामने खड़े हो गए। वहां कातिल ने कोई सुराग नहीं छोड़ा था। इसलिए पुलिस के लिए घटना का पदार्फाश करना कुछ ज्यादा ही कठिन लगने लगा। 30 साल से अधिक उम्र की महिला के हाथ पर टैटू से गुलाब बना हुआ था। इसके अलावा पहले दिन कुछ ऐसा नहीं मिला जिससे उसकी पहचान हो सके। इसलिए दूसरे दिन दोबारा पुलिस उस प्लाट में पहुंची। आसपास की तलाशी लेने पर झाडि़यों के बीच महिला की साड़ी और ब्लाउज मिला। साड़ी के पल्लू में सुर्ती बंधी देखकर पुलिस की उम्मीदें जगी। हालांकि यह इतना बड़ा साक्ष्य नहीं था जिससे घटना का पदार्फाश हो पाता। इसलिए पुलिस ने इसके पदार्फाश के लिए मैन्युल तरीके पर ज्यादा जोर दिया।

एसपी सिटी की सूझबूझ से पुलिस को मिली कामयाबी

एसपी सिटी के निर्देश पर 15 कांस्टेबल की अलग- अलग टीम बनाई गई। टीम के पास महिला की फोटो थी। टीम के मेंबर आसपास कालोनी में घूमने लगे। शराब की दुकान, सब्जी की दुकान, बारबर शॉप, ठेले और खोमचे वालों से टैटू दिखाकर जानकारी मांगने लगे। सुर्ती मिलने से पुलिस ने यह अंदाजा लगा लिया था कि हो न हो यह महिला आसपास की रहने वाली है। तब अचानक एक शराब की दुकान से पुलिस को सुराग मिला। किसी ने बताया कि महिला को शराब पीने की लत थी। वह अक्सर एक रिक्शे वाले के साथ घूमती नजर आती थी। इतनी जानकारी मिलने पर कांस्टेबल के चेहरों पर चमक आ गई। पुलिस ने रिक्शे वाले की तलाश करके महिला के बारे में पूरी जानकारी जुटा ली। यह जानकारी सामने आई कि गुलरिहा एरिया की रहने वाली दो बच्चों की मां को नशे की लत थी। पहले पति को छोड़कर वह दूसरे संग रहने लगी थी। लेकिन नशे की लत पूरी करने के लिए वह अक्सर एक रिक्शे वाले संग घूमती रहती थी।

जानकारी मिलने पर पुलिस ने चेक किया सीसीटीवी फुटेज

रिक्शे वाले ने पुलिस को बताया कि 17 अगस्त की दोपहर उन लोगों ने व्यास नगर के राहुल भोजनालय पर खाना गया। फिर वहां से वह रैन बसेरे के गार्ड देवरिया जिले के लार, रेवली निवासी शैलेष मिश्रा संग चली गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक किया तो शैलेष के साथ जाने की पुष्टि हुई। लेकिन शैलेष प्रीत विहार स्थित अपने किराए के कमरे पर नहीं मिला। पुलिस का शक यकीन में बदल किया उसने ही महिला का मर्डर किया है। आनन-फानन में पुलिस ने शैलेष को तलाश करके अरेस्ट कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह महिला के साथ संबंध बनाना चाहता था। शराब पिलाने की बात पर महिला उसके साथ जाने को तैयार हो गई। उस समय शैलेष की जेब में सिर्फ 12 सौ रुपए थे। चार सौ 75 रुपए की उसने शराब खरीदी। दोनों ने छककर शराब पी। इसके बाद वह खाली प्लाट में चला गया। संबंध बनाने के बाद महिला ने एक हजार रुपए मांगना शुरू कर दिया। उसने गार्ड को धमकाया कि यदि पैसे नहीं देगा तो शोर मचाकर लोगों को बुलाउंगी। इससे डरकर शैलेष ने महिला का गला दबाकर सिर को दीवार में टकरा दिया। महिला की मौत होने पर फरार हो गया। लेकिन टैटू के जरिए पुलिस ने उस महिला की पहचान की.? फिर हत्यारोपित को भी अरेस्ट कर लिया।

शाहपुर में हुई घटना पूरी तरह से ब्लाइंड थी। इसमें सर्विलांस से मदद लायक कुछ नहीं मिल पा रहा था। मैन्युअल पुलिसिंग के जरिए महिला की पहचान की गई। इसके बाद आरोपित को अरेस्ट किया गया। शाहपुर थाना के 15 सिपाही करीब पांच दिनों तक महिला की फोटो लेकर पहचान कराने के लिए अलग- अलग जगहों पर भटकते रहे। तब कहीं जाकर उसके बारे में सही जानकारी सामने आ सकी। महिला की साड़ी में बंधी सुर्ती और हाथ बने टैटू को दिखाकर पुलिस ने घटना का पदार्फाश करने में कामयाब हुई।

डॉ। कौस्तुभ, एसपी सिटी

वर्तमान में पुलिस पूरी तरह से टेक्नालॉजी पर डिपेंड हो गई है। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए ज्यादातर मामलों का पदार्फाश होता है। पहले मैन्युअल पुलिसिंग के जरिए ही मामलों का पदार्फाश होता था। हालांकि इसमें काफी समय लग जाता था। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस सहित अन्य सुविधाएं बढ़ने से केसेज को सुलझाने में ज्यादा मिली है। लेकिन मैन्युअल पुलिसिंग भी कभी-कभी कामयाबी दिलाती है। इसलिए इसकी एक्सरसाइज होती रहनी चाहिए।

शिवपूजन यादव, रिटायर डीएसपी

Posted By: Inextlive