गोरखपुराइट्स के लिए गुड न्यूज है. गोरखपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट ने कवायद तेज कर दी है. गोरखपुर सिटी के उत्तरी छोर पर स्थित चिलुआताल फ्यूचर में खूबसूरती के मामले में रामगढ़ताल को टक्कर देगा. यह ताल सिटी के उत्तरी छोर पर बसे लोगों के सैर-सपाटे के लिए एक बेहतर स्थान का विकल्प तो होगा ही देश-विदेश के सैलानियों को लुभाने में रामगढ़ताल से पीछे नहीं रहेगा. इसकी योजना न केवल तैयार हो चुकी है बल्कि परवान भी चढ़ गई है. करीब 50 करोड़ की लागत से इसके सुंदरीकरण का कार्य शुरू हो चुका है.


गोरखपुर (ब्यूरो).सीएम की प्राथमिकता वाली इस परियोजना में ताल के 29 हेक्टेयर हिस्से में सुंदरीकरण का कार्य होना है। इसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई है। ड्रेजिंग के जरिए ताल को गहरा करने का काम हो रहा है। प्रस्तावित योजना के अनुसार गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर एक किलोमीटर लंबा बांध भी बनाया जाएगा। इस बांध पर 70 मीटर लंबा घाट और दो नौकायन जेटी बनाई जाएगी। लोगों के बैठने के लिए पत्थर की सीढिय़ां बनाई जाएंगी। 500 मीटर लंबी सीसी रोड सोलर लाइटिंग की दूधिया रोशनी से जगमग होगी। सात कियोस्क बनाए जाएंगे।ऐसे बनी ताल के सुंदरीकरण की योजना
करीब 5 हजार एकड़ का चिलुआताल पर्यटन के लिहाज से संभावनाओं से भरपूर होने के बावजूद हमेशा से उपेक्षित रहा। उपेक्षा का आलम यह था कि ताल की पहचान कूड़ा निस्तारण केंद्र के रूप में हो गई थी। यही नहीं सिटी के विस्तार का लाभ उठाते हुए बहुत से लोगों ताल की भूमि पर अतिक्रमण भी कर लिया था। बेहतरी के नजरिए से लोगों का इस ताल की ओर ध्यान तब गया जब बतौर सांसद, सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ताल के अतिक्रमण पर आपत्ति जताते हुए मंडल व जिला प्रशासन को पत्र लिखा था।झील के चारों ओर बनेगा पाथवे


एक किलोमीटर लंबे बांध को लैंड स्केपिंग से आकर्षक बनाया जाएगा। सैर को आने वाले लोगों की सुविधा के लिए 15 सीट का शौचालय ब्लॉक बनाने की भी योजना है। झील के चारों ओर करीब नौ किलोमीटर की लंबाई में पाथवे का निर्माण किया जाना है। कुल मिलाकर पर्यावरण, पर्यटन, रोजगार, वाटर स्पोट्र्स व यातायात के लिहाज से चिलुआताल का सुंदरीकरण बेहद उपयोगी होगा।दिया था आश्वासन योगी की पहल पर ही तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री रहे डॉ। महेश शर्मा ने गोरखपुर आगमन के दौरान ताल का निरीक्षण किया और उसके सुंदरीकरण का आश्वासन दिया। 22 जुलाई 2016 को जब पीएम नरेंद्र मोदी गोरखपुर में खाद कारखाना और एम्स का शिलान्यास करने आए तो उस दौरान आयोजित जनसभा में योगी ने चिलुआताल ताल की ओर उनका ध्यान खींचा। योगी जब सीएम बने तो शहर के सुंदरीकरण की अन्य योजनाओं के साथ-साथ चिलुआताल का सुंदरीकरण भी उनकी प्राथमिकताओं शामिल था। इसी की नतीजा है कि आज यह ताल सुंदरीकरण की राह में आगे बढ़ चला है।

Posted By: Inextlive