विवादों से खाकी का नाता काफी पुराना है. रेग्युलर इंटरवल पर खाकी पहने जिम्मेदार कुछ ऐसी हरकत कर ही देते हैं जिससे खाकी की साख पर उंगलियां उठने लगती हैं. एक बार फिर खाकी का मनबढ़ चेहरा सामने आया है.

गोरखपुर (ब्यूरो)।पहले से ही कई आरोपों से घिरी गोरखपुर पुलिस का शनिवार को एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें एक दरोगा महिला को पीटता नजर आ रहा है। आरोप ट्रांसपोर्ट नगर चौकी इंचार्ज पर लगा है, जिसको लेकर एसपी सिटी मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल जिम्मेदार इसे दो महिलाओं के बीच हुए विवाद के बाद पुलिस की ओर से बीच-बचाव बता रहे हैं। मगर जिस तरह से वीडियो में नजर आ रहा है, वह कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है। हालांकि इस मामले में पीडि़त महिला ने चौकी इंचार्ज के खिलाफ थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

#WATCH📽️ #Gorakhpur यह वायरल वीडियो आज सुबह गोरखपुर के मुक्तिश्वर नाथ मंदिर का है जहां पर एक दरोगा कुँवर गौरव सिंह ने मंदिर में दुकान लगाने वाली महिलाओं को थप्पड़ों से पीटा। #GorakhpurNews @myogioffice @CMOfficeUP @ravikishann @digGORAKHPUR
📸 by : @Pranjal_sahu111 pic.twitter.com/S0AVHjR9PE

— inextlive (@inextlive) February 18, 2023


दुकान हटाने को लेकर विवाद
महाशिवरात्रि के मौके पर एक महिला ने मुक्तेश्वरनाथ मंदिर के बाहर फूल और प्रसाद की दुकान लगाई थी। शनिवार तड़के टीपीनगर चौकी इंचार्ज कुंवर गौरव सिंह मातहतों के साथ मौके पर पहुंचे और सीएम के आने की जानकारी देकर वहां लगी दुकानों को हटवाने लगे। इस दौरान पुलिसकर्मियों से महिला का विवाद हो गया। वह वहां से हटने के लिए राजी नहीं हुई। आरोप है कि महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में चौकी इंचार्ज कुंवर गौरव सिंह ने महिला दुकानदार का हाथ पकड़कर खींचते हुए इसे थप्पड़ मारने लगे।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
पुलिस और महिला के बीच हुए इस विवाद के दौरान आसपास के लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। सीएम के आने की वजह से सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जानकारी होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। इस बीच स्थानीय दुकानदार भी नाराज होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। आनन-फानन में मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अफसरों ने किसी तरह बातचीत कर मामले को शांत करवाया।
मंदिर पर हर रोज लगाती हैं दुकानें
गोरखपुर समेत पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शिवरात्रि पर सीएम योगी गोरखपुर पहुंचे। गोरखनाथ मंदिर में भगवान शिव के रूद्राभिषेक के बाद उन्हें मुक्तेश्वरनाथ मंदिर और महादेव झारखंडी मंदिर भी जाना था। इसकी सूचना के बाद पुलिस वाले वहां पहुंच गए और वहां लगी दुकानों को हटाने लगे। वहां दुकान लगाने वाले व्यापारियों का कहना है कि यहां रोजाना दुकानें लगती हैं, तब ऐसी कोई बात नहीं होती, मगर पुलिस जबरदस्ती उनकी दुकानों को वहां से हटाने पर अड़ गई और अपशब्द कहते हुए उन्हें वहां से खदेडऩे लगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुलिस रास्ते से दुकानों को हटवा रही थी। घटना किन परिस्थितियों में हुई और कैसे हुई। मामले की जांच के लिए एसपी सिटी को लगाया गया है। एसपी सिटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी
मुक्तेश्वरनाथ मंदिर पर सीएम का आगमन होना था, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बाहर लगने वाली दुकानों को हटाने के लिए बोल रही थी। लेकिन कुछ महिलाएं पहले महिला कॉस्टेबल से उलझ गई। दरोगा से गाली-गलौज करने लगी। वीडियो का एक हिस्सा काट कर वायरल किया गया है। हालांकि मामले की जांच की जा रही है।
कृष्ण कुमार विश्नोई, एसपी सिटी
वीडियो वायरल मामले की जांच एसपी सिटी कर रहे हैं। अभी तक पीडि़त महिला की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र सिंह, एसओ राजघाट
मुक्तेश्वरनाथ मंदिर में सीएम का कार्यक्रम था। मंदिर परिसर में दुकानें लगी थी। जिससे हटाया जा रहा था। इस बीच दो महिलाएं आपस में उलझ रही थी। बीच बचाव में उन्हें पीछे किया गया और वहां से हटाया गया। वायरल वीडियो में जो भी सामने आ रहा है वह गलत है।
- कुंवर गौरव सिंह, चौकी इंचार्ज, टीपीनगर
इसके पहले भी हो चुकी है घटनाएं -
27 सिंतबर 2021 को कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने के लिए आए थे। तारामंडल स्थिति होटल कृष्णा पैलेस में रात में पुलिस मनीष और उसके दोस्तों की पिटाई कर दी थी। इससे मनीष की मौत हो गई थी। इस मामले में सीबीआई जांच कर रही थी।
18 अगस्त 2022 को गोरखपुर जिले के खोराबार एरिया के बुढिय़ा माई मंदिर के पास नाव चलाने वाले युवक की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया था। आरोप था कि खोराबार पुलिस ने उसकी पिटाई की थी। फोटो वायरल होने के बाद मामले की जांच शुरू की गई।
पुलिस से कुछ सवाल -
- अगर पुलिस को मालूम था कि सीएम आने वाले हैं तो उन्होंने पहले ही दुकानें क्यों नहीं हटवाईं या फिर दुकानदारों को पहले से इसे हटाने के लिए सूचित क्यों नहीं किया?
- जब दुकानें रोज लगाई जाती हैं तो सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स को देखते हुए एक दिन पहले ही दुकानें क्यों नहीं हटवा दी गईं।
- जब महिला कॉन्सटेबल वहां मौजूद थीं, तो दरोगा को महिला को पकड़कर वहां से हटाने की क्या जरूरत पड़ गई?
- अगर वह महिला पुलिस के काबू में नहीं आ पा रही थी तो और महिला कॉन्सटेबल क्यों नहीं बुलाए गए?
- अगर वीडियो का एक हिस्सा भी वायरल किया गया है, दूसरा हिस्सा पुलिस क्यों नहीं सार्वजनिक कर रही है।

Posted By: Inextlive