GORAKHPUR : ड्यूटी के प्रेशर में पुलिसवालों की सेहत तेजी से खराब हो रही है. हार्ट प्रॉब्लम और डायबटीज आम बीमारी बनती जा रही है. पुलिस लाइन में होने वाले हेल्थ चेकअप में यह जानकारी सामने आती है. लेकिन पुलिस में ऐसे भी हैं जो ढलती उम्र के बावजूद जवान हैं. ऐसे ही वर्दी वाले 53 साल के एक कांस्टेबल दिग्विजयनाथ हैं जो पैदल चलकर हर महीने में कम से कम दो हजार रुपए बचा रहे हैं.


जेब और सेहत दोनों रख रहे दुरुस्त सहजनवां के जगदीशपुर, भरसाड़ निवासी दिग्विजयनाथ की पोस्टिंग अब जीआरपी लाइन में है। तीन साल पहले उन्होंने अखबार में पढ़ा कि जांच के दौरान पुलिसवालों की सेहत ज्यादा खराब पाई जा रही है। ड्यूटी का प्रेशर, अनियमित दिनचर्या हेल्थ की दुश्मन बनती जा रही है। इससे बचने का एक उपाय यह भी है कि ज्यादा से ज्यादा पैदल चला जाए। इस मंत्र ने दिग्विजयनाथ की लाइफ स्टाइल बदल दी। ड्यूटी से लेकर घर के कामों को वह पैदल निपटाते हैं जिससे हर महीने कम से कम दो हजार रुपए पेट्रोल के बच जाते हैं। मानक से दो किमी आगे हैं दिग्विजय


दिग्विजयनाथ रोजाना रीजनल स्टेडियम में तेज चाल की प्रैक्टिस करने जाते हैं.  कुछ खिलाडिय़ों ने उनके साथ चलने का प्रयास किया, लेकिन तीसरे दिन तौबा कर लिया। पुलिसवालों का कहना है कि पुलिस में पैदल तेज चाल का मानक 90 मिनट में 10 किलोमीटर का है, लेकिन दिग्विजयनाथ की रफ्तार 90 मिनट में 12 किलोमीटर पहुंच गई है। साथियों का कहना है कि पैदल चलने की वजह से वह काफी फिट हैं।

मैं कोशिश करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा काम पैदल कर लिए जाएं। पुलिस ऑफिस हो, कलेक्ट्रेट, जीआरपी, लाइन सभी जगहों पर मैं पैदल जाता हंू। लोगों को चाहिए कि थोड़ी दूरी के लिए बाइक यूज न करें। इसका बड़ा फायदा मिलेगा। दिग्विजय सिंह, कांस्टेबल

Posted By: Inextlive