तो इसलिए गोरखपुर में हर पांचवें दिन एक पुलिसकर्मी हो रहा सस्पेंड
-एक जनवरी 2017 से अब तक 75 पुलिसकर्मियों पर घूस, बदतमीजी, अपराध के मामले दर्ज
-पिछले साल की तुलना में करीब 20 फीसदी बढ़ा भ्रष्टाचारचंद कर्मचारियों के कारनामों से बदनाम हो रही पुलिस
दरअसल, पुलिस और अपराध का नाता नया नहीं है। चंद दागी पुलिसकर्मियों के कारनामों की वजह से पूरे पुलिस महकमें पर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। हालांकि इन्हें लेकर पुलिस के अधिकारी तो पूरी तरह सख्त हैं और समय-समय पर ऐसे पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई भी कर रहे हैं। बावजूद इसके पुलिस पर लगते दाग का सिलसिला फिलहाल कम होता नजर नहीं आ रहा है.2016 में जहां गोरखपुर में 63 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी, वहीं, इस साल 2017 में अब तक 75 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किए जा चुके हैं। वहीं इनमें से तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमें भी दर्ज किए गए हैं। जबकि दो के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जा चुका है।
-जल्दी से जल्दी ज्यादा पैसा कमाने का सपना-वर्दी का खौफ दिखाने का शौक-अपने-आपको कानून से ऊपर मान लेने का भूल-अपने अफसरों की कारगुजारियों को देखकरअब तक कार्रवाईसाल इंस्पेक्टर सब इंस्पेक्टर हेड कांस्टेबल कांस्टेबल
2017 6 17 6 46
2016 1 12 10 40---------------अनुशासनहीनता सामने आ रहीवहीं इस पूरे मामले को लेकर एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज का कहना है कि अनुशासन के खिलाफ काम करने वाले किसी भी मातहत को बख्सा नहीं जाएगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिस भी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत मिल रही है या फिर उनकी अनुशासनहीनता सामने आ रही है। उनकी जांच कराकर लगातार कार्रवाई की जा रही है।