GORAKHPUR: जिन पुलिसकर्मियों के कंधों पर लोगों की सुरक्षा का बोझ है वो खुद अपनी हरकतों से महकमें को शर्मसार कर रही है. सरकार बदल गई अधिकारी बदल गए लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वह है गोरखपुर पुलिस का आचरण. इतना ही नहीं अनुशासनहीनता उदासीनता स्वच्छारिता और लापरवाही कर ये खाकी की मर्यादा को तार-तार करने से बाज नहीं आ रहे हैं. हालत यह है कि गोरखपुर में 2017 में क्राइम का ग्राफ गिरा है जबकि खाकी पर दाग अधिक लगे हैं. 2017 में अब तक सिर्फ गोरखपुर जिले में हर पांचवें दिन पुलिस की वर्दी पर दाग लगे. आंकड़ें बताते हैं कि एक जनवरी 2017 से अब तक 75 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है.

-एक जनवरी 2017 से अब तक 75 पुलिसकर्मियों पर घूस, बदतमीजी, अपराध के मामले दर्ज

-पिछले साल की तुलना में करीब 20 फीसदी बढ़ा भ्रष्टाचार

चंद कर्मचारियों के कारनामों से बदनाम हो रही पुलिस
दरअसल, पुलिस और अपराध का नाता नया नहीं है। चंद दागी पुलिसकर्मियों के कारनामों की वजह से पूरे पुलिस महकमें पर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। हालांकि इन्हें लेकर पुलिस के अधिकारी तो पूरी तरह सख्त हैं और समय-समय पर ऐसे पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई भी कर रहे हैं। बावजूद इसके पुलिस पर लगते दाग का सिलसिला फिलहाल कम होता नजर नहीं आ रहा है.2016 में जहां गोरखपुर में 63 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी, वहीं, इस साल 2017 में अब तक 75 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किए जा चुके हैं। वहीं इनमें से तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमें भी दर्ज किए गए हैं। जबकि दो के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जा चुका है।

 

क्यों बदनाम हो रही खाकी
-जल्दी से जल्दी ज्यादा पैसा कमाने का सपना

-वर्दी का खौफ दिखाने का शौक

-अपने-आपको कानून से ऊपर मान लेने का भूल

-अपने अफसरों की कारगुजारियों को देखकर

अब तक कार्रवाई

साल इंस्पेक्टर सब इंस्पेक्टर हेड कांस्टेबल कांस्टेबल

2017 6 17 6 46

2016 1 12 10 40

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अनुशासनहीनता सामने आ रही
वहीं इस पूरे मामले को लेकर एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज का कहना है कि अनुशासन के खिलाफ काम करने वाले किसी भी मातहत को बख्सा नहीं जाएगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिस भी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत मिल रही है या फिर उनकी अनुशासनहीनता सामने आ रही है। उनकी जांच कराकर लगातार कार्रवाई की जा रही है।

 

Posted By: Inextlive